6.
"यह वही रूमाल था जिसमें एक दिन पहले किसी ने हज़ार रूपर बांधकर दिए थे।"
(ख) रूमाल धारक का पूर्ण परिचय दीजिए।
(ग) इनके पास कौन चौकीदारी का कार्य करता था? उसने किस पर कौन-सा उपकार किया था?
समझाकर लिखिए।
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शेख साहब न्यायप्रिय आदमी थे। उन्होंने रसीला को छह महीने की सज़ा सुना दी और रूमाल से मुँह पोंछा। यह वही रूमाल था जिसमें एक दिन पहले किसी ने हज़ार रुपए बाँधकर दिए थे। फैसला सुनकर रमज़ान की आँखों में खून उतर आया।
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