Hindi, asked by priyasarthi01, 8 months ago

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-22 निम्नलिखित गद्यांश की सन्दर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
"क्रोध शांति भंग करने वाला मनोविकार है। एक का क्रोध दूसरे में भी क्रोध का संचार करता है।
जिसके प्रति क्रोध प्रदर्शन होता है वह तत्काल अपमान का अनुभव करता है और इस दुःख पर
[1+1+3-5]
उसकी त्योरी भी चढ़ जाती है। यह विचार करने वाले बहुत थोड़े निकलते हैं कि हम पर जो क्रोध
प्रकट किया जा रहा है, वह उचित है या अनुचित।"
(अथवा)
"मैं किसी से कम नहीं हूँ, यह भाव प्रारम्भ से ही उनमें विद्यमान रहा। सच्चे अर्थों में वह
'कर्मयोगी' रहे। शारीरिक दृष्टि से छोटा नहीं, अप्रत्याशित बाधा होते हुए भी मन कर्म में निरंतर रत
रहा और नव-नव प्रकाश विकीर्ण होता रहा।"​

Answers

Answered by dewangan486
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Explanation:

क्रोध शांति भंग करने वाला एक मनोविकार है

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