History, asked by tarunkumar91, 7 months ago

7.अतिथि यज्ञ की विधि बताइए।​

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Answered by bhatiamona
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अतिथि यज्ञ की विधि :

हमारे देश भारत में अतिथि को भगवान के समान माना गया है और इसीलिए अतिथि देवो भवा की उक्ति प्रचलित है। अतिथि यज्ञ के समय अतिथियों की सेवा करना उन्हें अन्न जल से पूर्ण रूप से संतुष्ट करना होता है। जरूरतमंद व्यक्ति अथवा विद्या प्राप्त करने वालों का इच्छुक युवा, चिकित्सक आदि की सेवा करना ही अतिथि यज्ञ कहलाता है।

व्याख्या :

अतिथि यज्ञ में अतिथि को अन्न-जल से संतुष्ट किया जाता है। यदि आने वाला अतिथि विकलांग है, महिला है, विद्यार्थी है, सन्यासी है, चिकित्सक है अथवा धर्म का रक्षक है, तो उनकी और विशेष रूप से सेवा सुश्रुषा की जाती है, और उचित दान देकर विदा किया जाता है।

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