Hindi, asked by dilnawazdilnawaz602, 2 months ago

7.
(क) अपनी पाठ्य पुस्तक से कंठस्थ किया गया कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न पत्र में न आया हो।
(स) निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीनिए।
वाराणसी किमयं प्रसिद्ध ?​

Answers

Answered by pramodtiwarioffice
16

Explanation:

  1. सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित् दुख भाग भveत
Answered by sadiaanam
0

Answer:

प्रश्न के अनुसार संस्कृत के श्लोक उनके अर्थ सहित बताए गए हैं। साथ में वाराणसी गंगानद्याः तीरे स्नानघाटैः प्रसिद्धा अस्ति । तीर्थयात्रिकाः स्वपापप्रक्षालनाय पवित्रं डुबकीं ग्रहीतुं एतेषु घाटेषु सङ्घटयन्ति

Explanation:

जैसा कि प्रश्न संस्कृत श्लोकों और वाराणसी के महत्व का उल्लेख करने के बारे में पूछते हैं, यहाँ यह जाता है:

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः।

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः॥

अर्थ:

गुरु ब्रह्मा है, गुरू विष्णु है, गुरू महेश्वर अर्थात भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परम ब्रह्म सर्वशक्तिमान है, ऐसे गुरु को मेरा नमस्कार। (उक्त श्लोक में गुरू की महत्ता स्पष्ट करते हुए गुरु को परम ईश्वर के तुल्य बताकर वंदना की गई है।)

नरस्याभरणं रूपं, रूपस्याभरणं गुणः।

गुणस्याभरणं ज्ञानं, ज्ञानस्याभरणं क्षमा॥

मनुष्य का आभूषण रूप-सौन्दर्य है तथा रूप का आभूषण गुण हुआ करता है। गुण का आभूषण ज्ञान होता है तथा ज्ञान का आभूषण क्षमा है अर्थात् क्षमाशीलता मनुष्य का सबसे बड़ा आभूषण होता है।

मूकं करोति वाचालं, पङ्गुं लङ्घयते गिरिम।

यत्कृपा तमहं वन्दे, परमानन्दमाधवम्॥

जिसकी कृपा से गूंगे बोलने लगते हैं, जिसकी कृपा से लंगड़े पर्वतों को पार कर लेते हैं। उस परम माधव (ईश्वर) की वन्दना करता हूँ। (उक्त श्लोक में ईश्वर की महिमा का बखान किया गया है कि यदि ईश्वर की कृपा हो जाये तो असमर्थ भी समर्थवान बन जाता है।)

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