7. (क) जिंक धातु के सल्फाइड अयस्क से धातु निष्कर्षण का रासायनिक समीकरण देते हुए
वर्णन कीजिए।
(ख) एक उदाहरण देते हुए संक्षारण की व्याख्या कीजिए तथा संक्षारण से सुरक्षा के उपार्यों को
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Answer:
खट्वाकार आकृतिखट्वाकार आकृतिhindi)
असामान्य मानो की व्याख्या करने के लिए वान्टहॉफ ने एक नए गुणांक का समावेश किया जिसे वान्टहॉफ गुणांक कहते है इसे i से व्यक्त करते है।
विलेय के प्रेक्षित मोल तथा सैद्धांतिक मोल के अनुपात को वान्टहॉफ गुणांक कहते है।
वान्टहॉफ गुणांक (i ) = विलेय के प्रेक्षित मोल / विलेय के सैद्धांतिक मोल
i = विलेय के प्रेक्षित अणु संख्यक गुण / विलेय के सैद्धांतिक अणु संख्य गुण
i = (ΔP/P10)0 /( ΔP/P10)t
i = (ΔTb)प्रेक्षित /( ΔTb)सैधांतिक
i = (ΔTf )0 /( ΔTf)t
i = Π0/ Πt
अणु संख्य गुणों के सभी मान विलेय के अणुभार के व्युत्क्रमानुपाती होते है।
अतः
i = विलेय के सैद्धांतिक अणुभार / विलेय का प्रेक्षित अणुभार
प्रश्नो के लिए आधार : अ) 1 m ग्लुकोज़
ब ) 1m CaCl2
स ) 1m NaCl
d ) 1m Al2(SO4)3
प्रश्न 1 : i का मान कौनसे विलयन का मान वान्ट हॉफ गुणांक है।
उत्तर : द
जैसे Al2(SO4)3 = 2Al3+ + 3SO42-
प्रश्न 2 : उपरोक्त विलयनों को वान्ट हाफ गुणांक के बढ़ते क्रम में लिखो।
उत्तर : अ < ब < स < द
प्रश्न 3 : सबसे अधिक क्वथनांक वाला विलयन है ?
उत्तर : द
कणो की संख्या अधिक होने पर क्वथनांक अधिक होता है।
प्रश्न 4 : सबसे अधिक परासरण दाब वाला विलयन है।
उत्तर : द
कणो की संख्या अधिक होने पर परासरण दाब अधिक होता है।
प्रश्न 5 : सबसे कम हिमांक वाला विलयन है।
उत्तर : द
कणों की संख्या बढ़ने पर हिमांक में अवनमन अधिक होता है।
प्रश्न 6 : उपरोक्त विलयनों को हिमांक के बढ़ते क्रम में लिखो।
उत्तर : द > ब > स > अ
कणों की संख्या बढ़ने पर हिमांक में अवनमन होता है।
प्रश्न 7 : उपरोक्त विलयनों को वाष्पदाब के बढ़ते क्रम में लिखो।
उत्तर : द>ब>स>अ
नोट : i =1 हो तो न वियोजन होगा न संगुणन
i>1 हो तो वियोजन होगा।
i<1 हो तो संगुणन होगा।
प्रश्न 7 : निम्न में से किस विलयन के लिए i का मान 1 है।
अ) 1 m सुक्रोज
ब ) 1m CaCl2
स ) 1m NaCl
d ) 1m NH2CO-NH2
उत्तर : सुक्रोज
प्रश्न 8 : ऐसिटिक अम्ल बेंजीन विलायक में द्विलक के रूप में होता है अतः
अ ) i>1
ब ) i <1
स ) i =1
द ) i = 2
उत्तर : ब ) i <1
नोट : जब किसी विलयन में विलेय पदार्थ का संगुणन या वियोजन होता है तो उन विलयनों के लिए अणु संख्य गुणों के समीकरण में वान्टहॉफ गुणांक का समावेश किया गया ।
(P10 – P1 ) / P10 = i X2
ΔTb = i m Kb
ΔTf = i m Kf
π = i cRT
यदि विलेय पदार्थ का वियोजन होता है तो वियोजन की मात्रा α निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है।
α = ( i – 1 ) / (n – 1 )
यहाँ n = वियोजित हुए मोल।
नोट : विलेय पदार्थ का संगुणन होता है तो संगुणन की मात्रा α निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है।
α = n( i – 1 ) / (1 – n )
यहाँ n = संगुणित हुए मोल की संख्या