7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त
20/क्षितिज
किया गया है?
8. 'इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें'-मोती
के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
9. आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने
वाला मनुष्य वंचित है।
ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन
मिल गया।
10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि-
(क गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
(सही उत्तर के आगे (V) का निशान लगाइए।)
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Answer:
उत्तर -7 कहानी में किसान जीवन वाले समाज मैं पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को बहुत अच्छी तरह से दिखाया गया है। किसान जीवन में मनुष्य और पशु एक दूसरे पर निर्भर करते हैं और एक दूसरे की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। पशु चारे की आवश्यकता के लिए किसान पर निर्भर हैं और किसान खेती के कामों तथा बोझा ढोने रे सवारी के लिए पशुओं पर निर्भर है।
एक साथ रहते रहते दोनों को एक दूसरे से लगाव हो जाता है पशु अपने मालिक से दूर होने पर मनुष्यों की तरह दुखी होते हैं जैसे कहानी में जूरी से बिछड़ कर दोनों बैल दुखी हो गए थे और बैलों से बिछड़ कर झूरी भी बहुत दुखी था इस तरह कहानी में किसान और बैलों के बीच में बहुत गहरा संबंध दिखाया गया है यह संबंध तब और भी मजबूत दिखाई देता है जब जूरी के बैल अधिक से छूटकर वापस आ जाते हैं और झुरी उन्हें इतने कमजोर देखकर भी पहचान लेता है।