Math, asked by amrutyerekar, 3 months ago

7. मगनशेधने 52 लीटर दूध र 2184 ला विकले असता, त्यांना र 364 नफा झाला; तर मगनशेठने
दूध किती रुपये प्रति लीटर दराने विकत घेतले असेल? 2019)​

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मुनाफाखोरी ने तोड़ी दूध कारोबार की कमर

Meerut Bureauमेरठ ब्यूरो Updated Sun, 29 Mar 2020 11:57 PM IST

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बिजनौर के गांव बसेड़ी में किसान राजवीर सिंह की डेरी में बंधी गाय।

बिजनौर के गांव बसेड़ी में किसान राजवीर सिंह की डेरी में बंधी गाय। - फोटो : BIJNOR

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मुनाफाखोरी ने तोड़ी दूध कारोबार की कमर

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मुजफ्फरनगर। जिले में दूध की खरीद करने वाली एक निजी कंपनी ने दस दिन के भीतर दूध खरीद के दाम 50 प्रतिशत तक कम कर दिए हैं। दूध खरीद के दाम तो कर दिए लेकिन बिक्री के दाम कम नहीं किए हैं। वैसे भी दूध की आपूर्ति आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आती है और इसकी सप्लाई बंद नहीं है। ऐसे में दूध की कीमतों के गिरने से दूध के कार्य से जुड़े लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। साथ ही प्लांट बंद होने से आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।

कोरोना वायरस के चलते देशभर में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च को आधी रात से लॉकडाउन किया गया था। दूध कारोबारियों के अनुसार निजी सेक्टर की इस कंपनी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा होने के बाद पिछले दस दिन के भीतर दूध कारोबारियों व डेयरी संचालकों से की जाने वाली दूध खरीद के दाम प्रति लीटर लगभग 50 प्रतिशत तक की भारी-भरकम कटौती कर दी है। इसके चलते जनपद में दूध कारोबार की लगभग कमर टूट चुकी है। हालत यह है कि19 मार्च 46 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर की कीमत वाले दूध की कीमतें 29 मार्च आते-आते महज 23 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर रह गईं हैं। इसके चलते जहां एक ओर दूध कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मुजफ्फरनगर में यूं कम किए गए दूध खरीद के दाम

- 19 मार्च, 46 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर

- 21 मार्च, 41 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर

- 22 मार्च, 38 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर

- 27 मार्च, 23 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर

सप्रेटा (बिना क्रीम का दूध)

19 मार्च, 25 रुपये (36 ग्रेविटी) प्रति लीटर

27 मार्च, 08 रुपये (36 ग्रेविटी) प्रति लीटर

ग्रामीण सेंटर से लिया जाने वाला दूध

- 19 मार्च, 48 रुपये प्रति लीटर

- 27 मार्च, 36 रुपये प्रति लीटर

-23 रुपये लीटर खरीद, 58 रुपये लीटर बिक्री

मुजफ्फरनगर। दूधियों व डेयरी संचालकों से खरीदे जाने वाले दूध के दाम लगभग आधे तक गिराकर निजी कंपनी अपने उत्पाद (पॉली पैक दूध) अभी भी 58 रुपये प्रति लीटर पर बेच रही है। यानि दूधिया व डेयरी संचालकों से जो दूध कंपनी द्वारा 23 रुपये प्रति लीटर खरीदा जा रहा है, वही दूध पॉली पैक में कंपनी द्वारा खुले मार्केट में आज भी 58 रुपये प्रति लीटर की ऊंची दर पर बेचा जा रहा है।

डेयरियों ने किया दूध का उठान बंद, पशुपालक बेहाल

बिजनौर। लॉक डाउन ने दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों की कमर तोड़ दी है। डेयरियों ने किसानों से दूध उठाना बंद कर दिया है। किसान अपने पशुओं को ही दूध पिला रहे हैं। जिन किसानों से थोड़ा बहुत दूध खरीद भी रहे हैं उनके दामों में भारी कटौती की गई है।

जिले के किसान दुग्ध व्यवसाय से भी जुड़े हैं। लॉक डाउन से पहले और बाद में भी किसानों को अच्छे रेट मिल रहे थे। पराग डेरी किसानों से 37, मदर डेरी 45 व गोपालजी 36 रुपये प्रति लीटर पर दूध खरीद रही थी। लेकिन लॉक डाउन के चलते डेयरियों के प्लांट में दूध पहुंचाने में दिक्कत आने लगी। बाजार भी बंद होने से व्यवसाय पर फर्क पड़ा। इससे पराग डेयरी ने दूूध के दाम 35, मदर डेरी ने 39 व गोपालजी ने 35 रुपये प्रति लीटर कर दिए हैं। दूध के दाम दो से 11 रुपये प्रति लीटर तक घटा दिए। अब डेयरियों के प्लांट भी बंद हो गए हैं। दो दिन से डेयरियां किसानों से दूध भी नहीं उठा रही हैं। गांव बसेड़ी निवासी राजवीर सिंह के पास 30 गाय हैं। वे मदर डेयरी को दूध देते थे। डेयरी के दूध न उठाने से वे परेशान हैं। उनके पास हर रोज चार 400 लीटर दूध होता है। अब वे अपने पड़ोसियों को दूध दे रहे हैं। जो दूध बचता है उसे पशुओं को ही पिला देते हैं। दूध बिक नहीं रहा है लेकिन फिर भी पशुओं को पशु आहार देना पड़ रहा है। खल का 38 रुपये की बोरी 840 व चोकर की 50 किलो की बोरी एक हजार रुपये की मिल रही है। लॉक डाउन के बाद हालांकि इनके दामों में उछाल नहीं आया है। व्यापारी मोनू अग्रवाल ने बताया कि अब कंपनियों से खल व चोकर महंगा मिलने का अनुमान है। वे अब नया माल नहीं उठाएंगे नहीं तो किसान उन पर ही ओवर रेटिंग का आरोप लगाएंगे। पराग के स्थानीय इकाई प्रभारी जेपी वाजपेयी के अनुसार प्लांट बंद होने से ऐसा किया गया है। सोमवार या मंगलवार से किसानों से फिर से दूध लेना शुरू कर देंगे। उपभोक्ताओं को मुरादाबाद से मंगवाकर पैकिंग वाला दूध दिया जा रहा है।

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