7. निम्नलिखित वाक्यों के लिए उचित लोकोक्ति लिखिए। क) कुछ लोगों पर कोरी बातों का कोई असर नहीं होता। ख) दोस्ती तथा दुश्मनी कभी एक ओर से नहीं निभती। (ग) बिलकुल अनपढ़ होना। (घ) सबसे अलग-अलग रहना। (ङ) आवश्यकता से कम मिलना। (च) अपना दोष दूसरे पर मढ़ना।
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किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं।
दूसरे शब्दों में- जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है।
उदाहरण- 'उस दिन बात-ही-बात में राम ने कहा, हाँ, मैं अकेला ही कुँआ खोद लूँगा। इन पर सबों ने हँसकर कहा, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता' । यहाँ 'अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता' लोकोक्ति का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है 'एक व्यक्ति के करने से कोई कठिन काम पूरा नहीं होता' ।
'लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन'। संस्कृत में 'लोकोक्ति' अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को 'कहावत' कहा जाता है।
'लोकोक्ति' के लिए यद्यपि सबसे अधिक मान्य पर्याय 'कहावत' ही है पर कुछ विद्वानों की राय है कि 'कहावत' शब्द 'कथावृत्त' शब्द से विकसित हुआ है अर्थात कथा पर आधारित वृत्त, अतः 'कहावत' उन्हीं लोकोक्तियों को कहा जाना चाहिए जिनके मूल में कोई कथा रही हो। जैसे 'नाच न जाने आँगन टेढ़ा' या 'अंगूर खट्टे होना' कथाओं पर आधारित लोकोक्तियाँ हैं।
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निम्नलिखित वाक्यों के लिए उचित लोकोक्ति लिखिए। क) कुछ लोगों पर कोरी बातों का कोई असर नहीं होता। ख) दोस्ती तथा दुश्मनी कभी एक ओर से नहीं निभती। (ग) बिलकुल अनपढ़ होना। (घ) सबसे अलग-अलग रहना। (ङ) आवश्यकता से कम मिलना। (च) अपना दोष दूसरे पर मढ़ना।