History, asked by mukeshsahu41817, 5 months ago

7. 'प्रकृति यहाँ एकान्त बैठि, निज रूप सँवारति,
पल-पल पलटति, छलक छन छन छवि धारति,
मानों जादू भरी, विश्व बाजीगर थैली,
खेलत में खुल परी, शैल के सिर फैली।'
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस पाठ में आई हैं ?​

Answers

Answered by PureHoneyLove
18

Answer:

● जीवन परिचय-पंत जी का मूल नाम गोसाँई दत्त था। इनका जन्म 1900 ई. में उत्तरांचल के अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक स्थान पर हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा कौसानी के गाँव में तथा उच्च शिक्षा बनारस और इलाहाबाद में हुई। युवावस्था तक पहुँचते-पहुँचते महात्मा गाँधी के असहयोग आंदोलन से प्रभावित होकर इन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। उसके बाद वे स्वतंत्र लेखन करते रहे। साहित्य के प्रति उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए इन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार मिले। भारत सरकार ने इन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया। इनकी मृत्यु 1977 ई. में हुई● रचनाएँ-पंत जी ने समय के अनुसार अनेक विधाओं में कलम चलाई। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-

● रचनाएँ-पंत जी ने समय के अनुसार अनेक विधाओं में कलम चलाई। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-काव्य- वीणा, ग्रंथि , पल्लव, गुंजन, युगवाणी, ग्राम्या, चिदंबरा, उत्तरा, स्वर्ण किरण, कला, और बूढ़ा चाँद, लोकायतन आदि हैं।

● रचनाएँ-पंत जी ने समय के अनुसार अनेक विधाओं में कलम चलाई। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-काव्य- वीणा, ग्रंथि , पल्लव, गुंजन, युगवाणी, ग्राम्या, चिदंबरा, उत्तरा, स्वर्ण किरण, कला, और बूढ़ा चाँद, लोकायतन आदि हैं।नाटक-रजत रश्मि, ज्योत्स्ना, शिल्पी।

● रचनाएँ-पंत जी ने समय के अनुसार अनेक विधाओं में कलम चलाई। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-काव्य- वीणा, ग्रंथि , पल्लव, गुंजन, युगवाणी, ग्राम्या, चिदंबरा, उत्तरा, स्वर्ण किरण, कला, और बूढ़ा चाँद, लोकायतन आदि हैं।नाटक-रजत रश्मि, ज्योत्स्ना, शिल्पी।उपन्मस-हार।

● रचनाएँ-पंत जी ने समय के अनुसार अनेक विधाओं में कलम चलाई। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-काव्य- वीणा, ग्रंथि , पल्लव, गुंजन, युगवाणी, ग्राम्या, चिदंबरा, उत्तरा, स्वर्ण किरण, कला, और बूढ़ा चाँद, लोकायतन आदि हैं।नाटक-रजत रश्मि, ज्योत्स्ना, शिल्पी।उपन्मस-हार।कहानियाँ व संस्मरण-पाँच कहानियाँ, साठ वर्ष, एक रेखांकन।

● रचनाएँ-पंत जी ने समय के अनुसार अनेक विधाओं में कलम चलाई। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-काव्य- वीणा, ग्रंथि , पल्लव, गुंजन, युगवाणी, ग्राम्या, चिदंबरा, उत्तरा, स्वर्ण किरण, कला, और बूढ़ा चाँद, लोकायतन आदि हैं।नाटक-रजत रश्मि, ज्योत्स्ना, शिल्पी।उपन्मस-हार।कहानियाँ व संस्मरण-पाँच कहानियाँ, साठ वर्ष, एक रेखांकन।काव्यगत 

विशेषताएँ-छायावाद के महत्वपूर्ण स्तंभ सुमित्रानंदन पंत प्रकृति के चितेर कवि हैं। हिंदी कविता में प्रकृति को पहली बार प्रमुख विषय बनाने का काम पंत ने ही किया। इनकी कविता प्रकृति और मनुष्य के अंतरंग संबंधों का दस्तावेज है।

GIᐯE♥️TᗩKE♥️×2

☀️Hope U Liked My Ans♥️

Similar questions