History, asked by ariyanjekar39, 8 months ago

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प्रश्न-23 निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -
"मेघ आये, बड़े बन-ठन के, सँवर के।
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,
दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली,
पाहुनज्यों आये हों गाँव में शहर के।
मेघ आये, बड़े बन-ठन के, सँवर के।।"​

Answers

Answered by Ankitrampur900
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Answer:

wakhya:

Explanation:

प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने वर्षा-ऋतू के आने पर गांव में दिखाई देने वाले उत्साह का चित्रण किया है। कवि ने यहाँ बादल का मानवीकरण करके उसे एक दामाद (शहर से आये अतिथि) के रूप में दिखाया है। जिस प्रकार, कोई दामाद बड़ा ही सज-धज कर एवं बन-ठन कर अपने ससुराल जाता है, ठीक उसी प्रकार, मेघ भी बड़े बन-ठन कर और सुन्दर वेशभूषा धारण कर के आये हैं। जैसे, किसी मेहमान (दामाद) के आने का संदेश, गांव के बच्चे एवं उनकी सालियाँ आगे-आगे दौड़ कर पूरे गांव में फैला देते हैं, ठीक उसी तरह, हवा उनके आगे-आगे नाचती हुई पूरे गांव को यह सूचना देने लगी है कि गाँव में मेघ यानि बादल रूपी मेहमान आये हैं। यह सूचना पाकर गांव के सभी लोग अपने खिड़की-दरवाजे खोलकर उसे देखने एवं उसे निहारने के लिए घरों से बड़ी बेताबी से झांक रहे हैं।

इसका अर्थ यह है कि हर वर्ष हम वर्षा ऋतू का बहुत ही बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं। इसके आने पर सारा आकाश बादलों से ढक जाता है और सौंधी-सौंधी हवाएं चलने लगती हैं और सभी लोग घर से निकल कर वर्षा ऋतु का आनंद लेने लगते हैं।

Answered by poojaverma8743
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Explanation:

इस कविता में बारिश की तुलना दामाद से की गयी है क्युकी दमाद का भी वेट किया जाता है और बारिश का भी लोग बेसब्री से वेट करते है

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