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प्रश्न 6. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़ कर नीचे दिए गए प्रश्री क उत्तर दीजिये:-
बेटे के क्रिया कर्म में तूल नहीं किया पतोह से ही आग दिलाई उसकी। किंतु ज्योहि श्राद्ध की
अवधि पूरी हो गई, पतोहू के भाई को बुलाकर उसके साथ कर दिया, यह आदेश देते हुए कि इसकी दूसरी शादी
कर देना। उनकी जाति में पुनर्विवाह कोई नई बात नहीं, किंतु पतोहू का आग्रह था कि वह यहीं रहकर भगत जी
की सेवा- बंदगी में अपने वैधव्य के दिन गुजार देगी। लेकिन भगत जी का कहना था- नहीं, यह अभी जवान है,
वासनाओं पर बरबस काबू रखने की उम्र नहीं है इसकी। मन मतंग है ,कहीं इसने गलती से नीच-ऊच में पैर रख
दिए तो। नहीं-नहीं, तू ले जा। इधर पतोहू रो-रो कर कहती- मैं चली जाऊंगी तो बुढापे में कोन आपके लिए
भोजन बनाएगा, बीमार पड़े तो कौन एक चुल्लू पानी देगा? में पैर पकड़ती हूं, मुझे अपने चरणों से अलग नहीं
कीजिए। लेकिन भगत का निर्णय अटल था।
क. बालगोबिन भगत ने बेटे का क्रिया कर्म कैसे किया ?
ख. पतोहू के लिए बाल गोविंद भगत ने क्या प्रबंध किया
ग. पतोहू क्या चाहती थी और क्यों?
घ. बालगोबिन भगत पतोहू का पुनर्विवाह क्यों करना चाहते थे?
ङ. भगत का निर्णय अटल था'- इससे भगत के चरित्र की किस विशेषता का बोध होता है?
च, मूर्ति पर चश्मे का न होना हालदार साहब के लिए कैसी बात थी?
क) सामान्य
ख) चकित व द्रवित करने वाला
छ बाल गोबिन भगत की पुत्र वधु की चारित्रिक विशेषता क्या है?
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c is the correct answer
Explanation:
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