Hindi, asked by kantibhandari0711, 4 months ago

7. ऋषि-मुनियों ने मनुष्य जीवन को.......बराबर भागों में बांटा था |

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Answered by bhatiamona
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ऋषि-मुनियों ने मनुष्य जीवन को __चार__ बराबर भागों में बांटा था |

ऋषि-मुनियों ने मनुष्य जीवन को चार भागों में बांटा है। यह चार भाग प्राचीन संस्कार के तहत चार आश्रमों में विभाजित हैं।

यह चार आश्रम हैं,

  • ब्रह्मचर्य आश्रम
  • गृहस्थ आश्रम
  • वानप्रस्थ आश्रम
  • संन्यास आश्रम

व्याख्या :

मनुष्य की आयु 100 वर्ष मानकर हर आश्रम को 25-25 वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। ब्रह्मचर्य आश्रम में 25 वर्ष तक व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करता है। 25 वर्ष की आयु से 50 वर्ष की आयु तक गृहस्थ जीवन का आनंद लेता है। 50 वर्ष की आयु के पश्चात वह घर त्याग कर वन में जाकर रहता है तथा 75 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद संन्यास ग्रहण करके वो ईश्वर के ध्यान चिंतन में लग जाता है।

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