Hindi, asked by anshikaprakash143, 7 months ago

7. ' सहसबाहु सम सो रिपु मोरा ' में प्रयुक्त
अलंकार है -
*
O रूपक
O उत्प्रेक्षा अलंकार
O यमक
O उपमा अलंकार​

Answers

Answered by rajeshb193
27

Answer:

Here is your correct answer

Explanation:

उपमा अलंकार is correct

Answered by hemantsuts012
0

Answer:

Concept:

काव्य की शोभा में वृद्धि करने वाले साधनों को अलंकार कहते हैं।

Find:

' सहसबाहु सम सो रिपु मोरा ' में प्रयुक्त

अलंकार है -

O रूपक

O उत्प्रेक्षा अलंकार

O यमक

O उपमा अलंकार

Given:

' सहसबाहु सम सो रिपु मोरा ' में प्रयुक्त

अलंकार है -

O रूपक

O उत्प्रेक्षा अलंकार

O यमक

O उपमा अलंकार

Explanation:

सहसबाहु सम सो रिपु मोरा में उपमा अलंकार है क्योंकि यहाँ रिपु

की तुलना सहसबाहु से की गई है।

'उपमा' का अर्थ है-सादृश्य, समानता तथा तुल्यता । "जहाँ पर उपमेय की उपमान से किसी समान धर्म के आधार पर समानता या तुलना की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।" उपमा अलंकार के अंग-उपमा अलंकार के चार

अंग हैं

(क) उपमेय - जिसकी उपमा दी जाए ।

(ख) उपमान- जिससे उपमा दी जाए ।

(ग) समान (साधारण) धर्म-उपमेय और उपमान दोनों से समानता रखनेवाले धर्म ।

(घ) वाचक शब्द - उपमेय और उपमान की समानता प्रदर्शित करनेवाला सादृश्यवाचक शब्द।

उपमा अलंकार के भेद-उपमा अलंकार के प्राय: चार भेद किए जाते हैं

(क) पूर्णोपमा,

(ख) लुप्तोपमा,

(ग) रसनोपमा,

(घ) मालोपमा ।

इनका संक्षिप्त विवेचन निम्नलिखित है

(क) पूर्णोपमा-पूर्णोपमा अलंकार में उपमा के चारों अंग उपमान, उपमेय, साधारण धर्म और वाचक शब्द स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट होते हैं।

(ख) लुप्तोपमा- "उपमेय, उपमान, साधारण धर्म तथा वाचक शब्द में से किसी एक या अनेक अंगों के लुप्त होने पर 'लुप्तोपमा' अलंकार होता है।" लुप्तोपमा अलंकार में उपमा के तीन अंगों तक के लोप की कल्पना की गई है।

(ग) रसनोपमा - जिस प्रकार एक कड़ी दूसरी कड़ी से क्रमशः जुड़ी रहती है, उसी प्रकार 'रसनोपमा' अलंकार में उपमेय-उपमान एक दूसरे से जुड़े रहते हैं।

(घ) मालोपमा-मालोपमा का तात्पर्य है- माला के रूप में उपमानों की श्रृंखला । “एक ही उपमेय के लिए जब अनेक उपमानों का गुम्फन किया जाता है, तब मालोपमा अलंकार होता है।"

#SPJ3

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