Hindi, asked by priya28082006, 4 months ago

7. "देव देव आलसी पुकारा" मुहावरा गद्यांश किस पंक्ति के समानार्थी है ?
कायर, भीरू निरूद्योगी अकर्मण्य और आलसी व्यक्ति स्वयं अपने हाथ पैर ना हिला कर दैव और ईश्वर को भाग्य
और विधाता को जीवनभर दोष दिया करते हैं।
) पग-पग पर उन्हें भयानक विपत्तियों का सामना करना पड़ता है असफलताएं और अभाव उनके जीवन को जर्जर बना
देते हैं।
इस प्रकार उनका जीवन भार बन जाता है। उस भार को वहन करने की क्षमता उन अकर्मण्य और अनुद्योगी व्यक्तियों
के अशक्त कंधों में नहीं होती।
स्वाबलंबन से मनुष्य की उन्नति होती है और जीवन की सफलताएं उस वीर का ही वरण करती हैं, जो स्वयं कुआ
खोदकर, पानी निकाल कर अपनी तृष्णा शांत करने की क्षमता रखता है।
(iv)​

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Answered by dave61
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शब्द विलोम शब्द विलोम

वरिष्ठ कनिष्ठ प्रदान आदान

सौभाग्य दुर्भाग्य आगामी गत

गहरा उथला कृतज्ञ कृतघ्न

श्वेत श्याम आय व्यय

निंदा प्रशंसा अपमान सम्मान

मानव दानव सदाचारी दुराचारी

अंत आदि अथ इति

उच्च निम्न अनिवार्य ऐच्छिक

प्रेम घृणा अनुज अग्रज

शांत उग्र अपव्यय मितव्यय

अनुरक्ति विरक्ति आर्द्र शुष्क

आदर अनादर आर्य अनार्य

आरोही अवरोही

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