7. वैदिक काल में लोग जल्दी सोते थे ( 9 बजे तक) और प्रातःकाल जल्दी उठते थे ( सूर्योदय से पूर्व डेढ़ घंटे) और वे सभी स्वास्थ्यवर्धक जीवन जीते थे। किन्तु आधुनिक युग में हम बहुत से रोगों का सामना कर रहे हैं। अपनी जीवन शैली परिवर्तित करने के बारे में भगवान क्या परामर्श देते हैं ताकि हम स्वस्थ रह
सकें। (गीता 6. 17)
क. नियमित समय पर सो जाओ और प्रातःकाल नियमित समय पर जागो।
ख. प्रजनन में नियमितता बरतना।
ग. नियमित समय पर भोजन करो अर्थात रोज निर्धारित समय पर भोजन करना।
घ. ऊपर दिए गए सभी विकल्प
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(d) उपर दिए गए सभी विकल्प I think this is right answer
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वैदिक काल में लोग जल्दी सोते थे ( 9 बजे तक) और प्रातःकाल जल्दी उठते थे ( सूर्योदय से पूर्व डेढ़ घंटे) और वे सभी स्वास्थ्यवर्धक जीवन जीते थे। किन्तु आधुनिक युग में हम बहुत से रोगों का सामना कर रहे हैं। अपनी जीवन शैली परिवर्तित करने के बारे में भगवान क्या परामर्श देते हैं ताकि हम स्वस्थ रह
सकें। (गीता 6. 17)
क. नियमित समय पर सो जाओ और प्रातःकाल नियमित समय पर जागो।
ख. प्रजनन में नियमितता बरतना।
ग. नियमित समय पर भोजन करो अर्थात रोज निर्धारित समय पर भोजन करना।
घ. ऊपर दिए गए सभी विकल्प
(घ)
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