Hindi, asked by abhijeetgorai836, 3 months ago

70-80 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-
(क) सूर्योदय का दृश्य।
(ख) वर्षा का एक दिन।
(ग) जब मैंने पहली बार चाय बनाई।
(घ) विद्यालय में मेरा पहला दिन।

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Answers

Answered by ashupriti678
3

Answer:

(क) सूर्योदय का दृश्य:

सूर्योदय का दृश्य हमेशा सुंदर और लुभावना होता है। प्रकृति अपनी सुंदरता के चरम पर पहुंचती है। पक्षियों की मधुर क्यारियाँ, नए खिले हुए फूलों पर गीली ओस और आकाश की गुलाबी-नारंगी रंग की छटा जो समुद्र की सतह से उठते शानदार सूरज से भर जाती है मन और आत्मा को शांत करती है। यह नजारा हालांकि हर रोज दिखाई देता है, हमेशा दिल पर एक समान भव्य छाप छोड़ता है। सुबह की धीमी हवा में टहलने का स्वास्थ्य महत्व है और पूरे दिन मूड हल्का रहता है। खुली खिड़की के सामने सूर्योदय के दौरान अध्ययन करने से चीजों को गंभीरता से समझने में मदद मिलती है। सूर्योदय का एक दृश्य आपके दिन की शुरुआत कर सकता है! (Its an English to Hindi translation, so may sound a bit quirky and incomplete)

(ख) वर्षा का एक दिन:

एक दिन, रात को जब हम सोए तो गर्मी पूरे जोरों पर थी । एक भी पत्ता नहीं हिल रहा था । पंखे के नीचे बैठकर भी शरीर पसीने से लथपथ हो रहा था । आधी रात तक गर्मी के कारण नींद नहीं आई । आधी रात के बाद अचानक ही हवा की एक ठंडी सी लहर आई तो शरीर में जान आ गई । कुछ ही देर बाद आकाश में काले बादल छा गए । पहले धीरे-धीरे हल्की वर्षा हुई और बाद में बहुत तेजी से बरसात होने लगी । इतनी गर्मी के बाद तेज बारिश देखकर मन प्रसन्न हो गया ।

अगले दिन स्कूल मैं अवकाश था । इस अवकाश ने सोने पर सुहागे का काम किया । उसके बाद सोने का बहुत आनंद आया । प्रातःकाल ‘नौ बजे तक हम सोए रहे और जब नींद खुली तो हमने तरोताजा महसूस किया । अगले दिन मृगई वर्षा हो रही थी । उस समय मन किया कि कहीं बाहर घूमकर आया जाए । इतने में ही दरवाजे की घंटी बजी तो मेरा दोस्त मुझे बाहर  खेलने कै लिए बुलाने आया था । हम सभी दोस्त मिल कर वर्षा में नहाए तथा खेलते रहै ।

बाहर उगकर देखा तो हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था । लोग रेनकोट पहनकर तथा रंग-बिरंगी छत्तरियां लेकर वर्षा का आनंद ले रहे थे तथा अपने काम-काज पर जा रहे थे । बच्चे वर्षा में नहा रहे थे तथा कुछ बच्चे किश्तियां बनाकर पानी मैं चला रहे थे । अपनी कश्ती को पानी में दूर तक जाते देखकर वे बहुत प्रसन्न हो रहे थे । वर्षा के मौसम को देखते हुए मां ने हलवा तथा पकौड़े बनाए । परिवार कें सभी सदस्यों ने मिल बैठकर हलवा त था पकौड़े खाए । गर्मी से राहत पाकर सभी प्रसन्न नजर आ रहे थे ।

(ग) जब मैंने पहली बार चाय बनाई:

मुझे आज भी याद है तब में महज ६ साल का रहा होऊंगा जब  पहली बार मैंने चाय बनाई थी, बहुत खुश था, बिल्कुल ही नया  अनुभव जो था। मुझे ठीक से याद नहीं चाय केसी बनी थी,पर  इतना जरुर याद है कि घर के सभी लोगों ने जमकर तारीफ को  थी ।सम्भव है कि चाय वास्तव में अच्छी बनी थी या फिर मेरा  उत्साह बढ़ने के लिए ही वो सब था। जो भी हो एक बात तो  तय हो गई कि अगले दिन से जब भी मम्मी रसोईघर में होतीं मैं  उनके पास रहने लगा था ।मम्मी अक्सर मुझे  दुलारते हुए किचन  से जाने को कहती लेकिन में यहीं चिपका रहता, और चाय बनाने  के मौके तलाशता रहता।

उस दिन के बाद ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ कि मैं हर रोज  चाय बनाता ही था।  कभी  कभार महीने दो महीने में मौका मिल  जाता,या फिर जब घर में कोई नहीं होता,मैँ शुरु हो जाता ।  कुछ बहा हुआ तो दीदी को सहायता से चोरी से आलूक्ती  भुजिया सटजी और पराठे बना लिए थे,त्तब मैं ७ साल का था ।  हालाँकि बाद में मम्मी को हमारी करतूत को जानकारी हो गई  क्योंकि बर्तन खुलना ही भून गए थे अम्मी बहुत परेशान थीं जि  छोटा बच्चा कहीं खुद को जला न बैठे.उन्होंनै मुझे बडे प्यार से  समझाया कि जब भूख लगी थी तो बताना था न,उन्हें  क्या प ता था कि भूख पेट में नहीं बल्कि कहीं और ही लगी थी ।

(घ) विद्यालय में मेरा पहला दिन:

यह स्कूल में मेरा पहला दिन था। मेरे पास एक नया बैग, पानी की बोतल, नई किताबें, जूते और मोजे और साथ ही डोरा आकार का टिफिन बॉक्स था। मैं इन सभी नई चीजों के साथ स्कूल जाने के बारे में खुश था, लेकिन मुझे जो दुख हुआ वह यह था कि मुझे नए दोस्त भी बनाने थे। इसलिए, मैं उस दिन खुद मेरे लिए एक दोस्त खोजने के लिए भगवान से पूछने के लिए घर छोड़ने से पहले प्रार्थना कक्ष में भाग गया।

मुझे लगा कि स्कूल का मेरा पहला दिन बहुत उबाऊ होगा – अकेले बैठे हुए केवल नोट्स की नकल करना और दूसरों को अपने दोस्तों के साथ बात करते और हँसते हुए देखना। मैं अपनी कक्षा में पहुँच गया। जब मैं नया था तब सभी मुझे देख रहे थे। सुकर है! शिक्षक तेजी से आया, क्योंकि सभी चिल्ला रहे थे। हमें अपना परिचय देना था। जब मैंने अपना परिचय दिया और अपनी जगह पर बैठा तो मुझे अचानक अपनी पीठ से एक छोटी सी आवाज़ सुनाई दी। किसी ने कहा, “मुझे माफ कर दो” और मैं घूम गया।

मेरे आश्चर्य करने के लिए यह एक सुंदर लड़की थी। “हाँ” मैंने कहा, और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसका दोस्त बन सकता हूँ? मैं बहुत खुश था कि मैं खुद को हाँ कहने से रोक नहीं पाया। स्कूल के पहले दिन एक दोस्त !! घर पहुँचने के बाद मैं प्रार्थना कक्ष में भाग गया और भगवान का धन्यवाद किया क्योंकि स्कूल जाने से पहले मैंने भगवान से उस दिन मेरे लिए एक दोस्त खोजने के लिए कहा था। उसका नाम बेथ है। वह सात साल की है और उसका जन्मदिन 13 मई को है, जो मेरा है। हम अभी अच्छे दोस्त हैं और तभी से हम एक साथ कई गतिविधियाँ करते हैं। हम हमेशा हमेशा के लिए सबसे अच्छे दोस्त होंगे।

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