73वां और 74 वा संविधान संशोधन का विस्तार से वर्णन करें
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73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
⟶73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल में प्रभावी हुआ।
⟶विधेयक के संसद द्वारा पारित होने के बाद 20 अप्रैल, 1993 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई और 24 अप्रैल, 1993 से 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ। अतः 24 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय पंचायत दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
⟶इस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में भाग-9 जोड़ा गया था।
⟶मूल संविधान में भाग-9 के अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित उपबंधों की चर्चा (अनुच्छेद 243) की गई है । भाग-9 में ‘पंचायतें’ नामक शीर्षक के तहत अनुच्छेद 243-243ण (243-243O) तक पंचायती राज से संबंधित उपबंध हैं।
⟶73वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़ी गई और इसके तहत पंचायतों के अंतर्गत 29 विषयाें की सूची की व्यवस्था की गई।
74वाँ संविधान संशोधन
⟶भारतीय संविधान में 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया तथा इस संशोधन के माध्यम से संविधान में ‘भाग 9क’ जोड़ा गया एवं यह 1 जून, 1993 से प्रभावी हुआ।
⟶अनुच्छेद 243त (243P) से 243यछ (243ZG) तक नगरपालिकाओं से संबंधित उपबंध किये गए हैं। नगरपालिकाओं का गठन अनुच्छेद 243थ (243Q) में नगरपालिकाओं के तीन स्तरों के बारे में उपबंध हैं, जो इस प्रकार हैं-
नगरपालिका :
नगर पंचायत - ऐसे संक्रमणशील क्षेत्रोंं में गठित की जाती है, जो गाँव से शहरों में परिवर्तित हो रहे हैं।
नगरपालिका परिषद - छोटे शहरों अथवा लघु नगरीय क्षेत्रोंं में गठित किया जाता है।
नगर निगम - बड़े नगरीय क्षेत्रोंं, महानगरों में गठित की जाती है।
इसी संशोधन द्वारा संविधान में 12वीं अनुसूची जोड़ी गई जिसके अंतर्गत नगरपालिकाओं को 18 विषयों की सूची विनिर्दिष्ट की गई है।
Question : संविधान के 73 वे 74वे संशोधन। अधिनियम का विस्तार से वर्णन कीजिए
Answer :give me Answer