Hindi, asked by somania487, 5 months ago

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8. अष्टकोण मंदिर के शिलालेख पर लिखा था कि
सातों देशों के नरेश हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था |
सम्राट बाजीराव ने एक दिन यहाँ आराम किया था |
यहाँ पर एक बहुत अच्छे स्वभाव की महिला रहती थी |

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Answered by Satchandi
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जैसा कि हम सभी को पता है कि मुगल बादशाहा हुमायूं और शेरशाह से चौसा के युद्ध में परास्त होकर वहां से भागकर ममता की झोपड़ी में एक दिन विश्राम किया था।

ममता एक बहुत ही अच्छे स्वभाव की महिला थी वह एक विधवा महिला थी।हुमायूं युद्ध से भागकर ममता की झोपड़ी में आ पहुंचा वहां उसने अपने घायल अवस्था में एक दिन विश्राम किया इन सब में ममता जो एक विधवा महिला थी। उसने हुमायूं को अतिथि के समान सम्मान दिया। साथ ही वह अपने झोपड़े से पूरी रात बाहर रही। ताकि हुमायूं उसके झोपड़े पर विश्राम कर सके।

ममता की झोपड़ी के स्थान पर जहां हुमायूं ने एक दिन विश्राम किया था वहीं पर हुमायूं के पुत्र बादशाह अकबर ने अष्टकोण मंदिर बनवाया।

हुमायूं की स्मृति में उनके पुत्र बादशाह अकबर ने इस अष्टकोण मंदिर गगनचुंबी मंदिर का निर्माण करवाया।

ममता का झोपड़ा ढाई दिन के झोपड़े के नाम से प्रसिद्ध है। क्योंकि इसका निर्माण अकबर द्वारा ढाई दिन में किया गया था।

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