Hindi, asked by rajsuryavsnshi050, 1 month ago


.8.
अथवा
निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या संदर्भ, प्रसंग सहित लिखिए-
महाराज बड़े निर्भीक, साहसी और निडर थे। उन्होंने अपनी रक्षा के लिए एक भी सैनिक नहीं
रखा था। वह हमेशा प्रजा के सुख और आराम के लिए ही कार्य करते थे। उनके पास दूर-दूर
से एक से एक जटिल मामले आते जिन्हें वे कुछ ही पलों में इस बुद्धिमानी से हल कर लेते थे।
'पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रजापति ब्रह्मा ने इसी तिथि को सृष्टि का सृजन किया था,
भगवान विष्णु भी मत्स्यावतार के रूप में इसी तिथी को प्रकट हुए थे और सतयुग के प्रारम्भ
होने की भी यही तिथि है।'






Answers

Answered by bhatiamona
0

निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या संदर्भ, प्रसंग सहित लिखिए-

महाराज बड़े निर्भीक, साहसी और निडर थे। उन्होंने अपनी रक्षा के लिए एक भी सैनिक नहीं रखा था। वह हमेशा प्रजा के सुख और आराम के लिए ही कार्य करते थे। उनके पास दूर-दूर से एक से एक जटिल मामले आते जिन्हें वे कुछ ही पलों में इस बुद्धिमानी से हल कर लेते थे।

संदर्भ : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक भाषा-भारती के पाठ ‘ नव संवत्सर’ से अवतरित है।

प्रसंग- गद्यांश में महाराजा की बुद्धिमानी के विषय में बताया है |

व्याख्या : गद्यांश में राहगीर पंचायत के सदस्यों को बताने लगा कि महाराजा बहुत निडर , साहसी , निर्भीक थे | उन्होंने अपनी रक्षा के लिए किसी को नहीं रखा था | वह हमेशा अपनी राज्य की जनता के सुख की चिन्ता करते थे | वह प्रजा के लिए कार्य करते थे | वह लोगों के साथ रहते थे , जो अपनी कठिनाइयों की समस्या लेकर आते थे | वह बहुत ही चतुर थे |

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------

'पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रजापति ब्रह्मा ने इसी तिथि को सृष्टि का सृजन किया था, भगवान विष्णु भी मत्स्यावतार के रूप में इसी तिथी को प्रकट हुए थे और सतयुग के प्रारम्भ होने की भी यही तिथि है।'

प्रसंग : गद्यांश में लेखकगण नव संवत्सर के शुरू होने और उसके महत्त्व के बारे में बताया है |

व्याख्या :  पुराण की अनेक कथाओं में बताया गया है कि विश्व के सभी प्राणियों के स्वामी ब्रह्मा ने उनकी रचना की थी। भगवान विष्णु ने भी इसी तिथि को मत्स्यावतार (मछली के रूप में जन्म लेना) के रूप में प्रकट हुए थे। साथ ही, इसी तिथि को सतयुग का प्रारम्भ हुआ था। यह तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही है |

Similar questions