Hindi, asked by chinusharma1003, 3 months ago

8.
गुण बड़े एक-से-एक प्रखर
हैं छिपे मानवों के भीतर
मेहँदी में जैसे लाली हो
वर्तिका-बीच उजियाली हो
बत्ती जो नहीं जलाता है
रोशनी नहीं वह पाता है।
कंकड़ियाँ जिनकी सेज सुघर
छाया देता केवल अंबर
विपदाएँ दूध पिलाती
लोरी आँधियाँ सुनाती हैं
जो लाक्षागृह में जलते हैं
वे ही सूरमा निकलते हैं।
प्रश्न
i. उपर्युक्त पद्यांश के लिए शीर्षक दीजिए।
ii. मेहँदी और बत्ती के उदाहरण कवि ने किस उद्देश्य से दिए हैं ?
iii. वीर पुरुष की पहचान क्या है?​

Answers

Answered by adarsh25873
5

Iska Matlab ye h ki logo me gun ek se ek h lekin vo log UN gunu ko kam me ni lete Jase mehandi se lal rang chutta h Vase hi vertiko ke bich me ujala reheta ...  More

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