8 कहानी उपन्यास व एकाकी के कितने कितने तत्व है नाम लिखिए।
Answers
Answer:
कथावस्तु –
‘संक्षिप्तता’ कहानी के कथानक का अनिवार्य गुण है।
वैसे तो कथानक की पांच दशाएं होती है
‘आरंभ’ ,
‘विकास’ ,
‘कोतुहल’ ,
‘चरमसीमा’
और ‘अंत’ |
परंतु प्रत्येक कहानी में पांचों अवस्थाएं नहीं होती। अधिकांश कहानी में कथानक संघर्ष की स्थिति को पार करता है , विकास को प्राप्त कर कौतूहल को जगाता हुआ , चरम सीमा पर पहुंचता है।
और उसी के साथ कहानी का अंत हो जाता है।
२. पात्र का चरित्र चित्रण –
आधुनिक कहानी में यथार्थ को मनोविज्ञान पर बल दिया जाने लगा है अंत उसमें चरित्र चित्रण को अधिक महत्व दी गई है अब घटना और कार्य व्यापार के स्थान पर पात्र और उसका संघर्ष ही कहानी की मूल धुरी बन गए हैं। कहानी के छोटे आकार तथा तीव्र प्रभाव के कारण सीमित होती है और दूसरे पात्र के सबसे अधिक प्रभाव पूर्ण पक्ष की उसके व्यक्तित्व कि केवल सर्वाधिक पुष्ट तत्व की झलक ही प्रस्तुत की जाती है।
अज्ञेय की शत्रु कहानी में एक ही मुख्य पात्र है जैनेंद्र के खेल कहानी में चरित्र चित्रण में मनोविज्ञान आधार ग्रहण किया गया है अतः कहानी के पात्र वास्तविक सजीव स्वाभाविक तथा विश्वसनीय लगते हैं पात्रों का चरित्र आकलन लेखक प्राया दो प्रकार से करता है प्रत्यक्ष या वर्णात्मक शैली द्वारा इसमें लेखक स्वयं पात्र के चरित्र में प्रकाश डालता है परोक्ष या नाट्य शैली में पात्र स्वयं अपने वार्तालाप और क्रियाकलापों द्वारा अपने गुण दोषों का संकेत देते चलते हैं इन दोनों मैं कहानीकार को दूसरी पद्धति अपनानी चाहिए इससे कहानी में विश्वसनीयता एवं स्वाभाविकता आ जाती