8 lines hindi poem about rainbow
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ज़िंदगी के सात रंगों को भूल, हम जीवन को ढूँढ रहे हैं काले-सफ़ेद रंगों के धुआँ अौर धुंध में। भाग रहें हैं, अनजानी राहों पर , दुनिया के मायावी मृगतृष्णा के पीछे। आंगन की खिली धूप, खिलते फूल, बच्चों की किलकारी, ऊपरवाले की हर रचना है न्यारी। अगर कुछ ना कर सको , तो थमा दो ऊपर वाले को अपनी ङोर। खुबसूरत सतरंगी इंद्रधनुषी लगेगी, ज़िंदगी हर अोर। .
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