Hindi, asked by negisonam8598, 9 months ago

.8- लखन उत्तर आहुति सरिस, भृगुवर कोपु कृसानु। बढ़त देखि जल सम वचन ,बोले रघुकुल भानु -उक्त पद का भावार्थ लिखिए? *

Answers

Answered by shishir303
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लखन उत्तर आहुति सरिस, भृगुवर कोपु कृसानु।

बढ़त देखि जल सम वचन, बोले रघुकुल भानु ।।

भावार्थ ► अर्थात लक्ष्मण के क्रोधित स्वर में परशुराम से बोले कि आप मुझे फरसा दिखा रहे हैं और मैं आपको ब्राह्मण समझकर लिहाज कर रहा हूँ। आपका शायद अभी तक वीरों से नहीं हुआ है, इसीलिए आप ऐसा कर रहे हैं। लक्ष्मण के आहुति के समान प्रचंड वचनों को परशुराम की क्रोध रूपी अग्नि की ओर बढ़ते देखकर रघुकुलनंदन श्री राम जल के समान शीतल एवं शांत भाव वाले वचनों को अपनाकर बोले।

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