8. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"घर में विधवा रही पतोहू,
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने,
डूब कुएँ में मरी एक दिन।
खैर, पैर की जूती, जोरू,
न सही एक, दूसरी आती,
पर जवान लडके की सुध कर
साँप लोटते, फटती छाती।
(क) किसान की बहू को 'लछमी थी, यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है ?
Answers
Explanation:
प्रस्तुत पंक्तियां में आंखें कविता में किसान के उजड़े हुए घर का वर्णन करने के लिए सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखी गई है इन पंक्तियों में किसान की वेदना तो है ही साथ साथ समाज और परिवार में स्त्री के प्रति बुरी भावना का भी परिचय मिलता है कभी स्थिति से पाठक को अवगत कराना चाहता है
विपरीत परिस्थितियों में अनेक आर्थिक संकटों के चलते किसान अपनी पत्नी पुत्र पुत्री बैलों की जोड़ी आदि को खो चुका है अब उसके घर में केवल उसके मृत पुत्र की विधवा बहू बची है परिवार के साथ जुड़ी हुई दशा को सहन कर पाना बड़ा ही कठिन है किसान और बहू को घर की लक्ष्मी के रूप में लाया था राज्य से पति का घात करने वाली क्या कर तिरस्कृत किया जा रहा है ग्रामीण कृषक संस्कृति और समाज में स्त्री से पूर्व उसके पति की मृत्यु का हो जाना अच्छा नहीं माना जाता रे कृतियों का दोषारोपण उसे श्री परी किया जाता है इसी बात का परिचय देते हुए पंत जी ने सामाजिक स्थिति का परिचय देने का प्रयास किया है पाठक के समक्ष सामाजिक चित्र खींचा है