8. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"घर में विधवा रही पतोहू,
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने,
डूब कुएँ में मरी एक दिन।
खैर, पैर की जूती, जोरू,
न सही एक, दूसरी आती,
पर जवान लडके की सुध कर
साँप लोटते, फटती छाती।
(क) किसान की
बहू
को 'लछमी थी, यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है ?
(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-
(ग) काव्यांश में प्रयुक्त दोनो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
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●◇किसान की बहू का नाम लक्ष्मी था, परंतु उसे पति घातिन कहा
जाता थी क्यूंकि सामाज मे सभी उसे पति को मारने वाला
समझा जाता था। समाज में पति की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी
को हत्या का जिम्मेदार मान लिया जाता है।
●◇इस कविता मे मरी कहा जाने का अर्थ है की किसान की
पुत्रवधु ने आत्महत्या कर ली है क्यूंकि किसान की पुत्रवधू
पर कोतवाल की बुरी नीयत थी। उसने उसे थाने में बुलवाया
तथा उसका शारीरिक शोषण किया। इस कलंक व विवशता के
कारण उसने कुएँ में कूदकर आत्महत्या कर ली।
●◇मुहावरे:-
♤• छाती पर साँप लोटना -ईर्ष्या से जलना।
वाक्य प्रयोग : साथी की सफलता से मोहन की छाती पर सांप लोटने लगा है।
♤• पैर की जूती - दासी
वाक्य प्रयोग : पहले जमाने मे औरतें पैरों की जूती होती थी।
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