8. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माल गरें पहिरौंगी।
टोढ़ि पितम्बर लै लकुटीबन गोधन ग्वारनि संग फिरौंगी।
भावतो वोहि मेरो रसखानि सों तेरे कहे सब स्वांग करौंगी।
या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी।।
(क) गोपी श्रीकृष्ण की किस रूप –छवि को धारण करना चाहती थी ?
(ख) 'सब स्वांग करौंगी' से क्या आशय है ?
(ग) इस काव्यांश में से यमक अलंकार का एक उदाहरण लिखिए।
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I DIDNOT SANSKRIT '''':
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स्वांग करौंगी' से क्या आशय है ?
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