.8 'नारी को समाज में आज भी उचित सम्मान नहीं मिल रहा।'- कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। *
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O नारी को समाज में आज भी उचित सम्मान नहीं मिल रहा। कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
► ‘वे आँखें’ कविता के आधार पर अगर देखा जाए तो नारी को समाज में आज भी उचित सम्मान नहीं मिल रहा, क्योंकि नारी को आज भी समाज में दोयम दर्जे का समझा जाता है। किसान अपने पुत्र की मृत्यु पर तो बेहद दुखी होता है, लेकिन पुत्र-वधू की मृत्यु पर इतना दुखी नहीं होता और दोनों की मृत्यु की तुलना करते हुए कहता है कि पुत्रवधू चली गई तो दूसरी आ जाती। अर्थात पुत्रवधू के जीवन का उसके लिये कोई महत्व नहीं, क्योंकि वह स्त्री है। थानेदार भी किसान की पुत्रवधू का सम्मान नहीं करता और उसकी इज्जत से खेलने का प्रयत्न करता है, जिसके कारण किसान की पुत्रवधू को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसी तरह अपने पति की मृत्यु होने पर किसान की पुत्रवधू को सब लोग ताने देते हैं कि वह अपने पति को खा गई। हमारे समाज में जवान स्त्री के प्रति की मृत्यु होने पर बिना किसी ठोस आधार के लोग स्त्री को ही दोष देने लगते हैं। इन सब बातों से पता चलता है कि नारी को समाज में आज भी उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा।
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