Hindi, asked by anjut1246, 6 months ago

8. प्रेमचंद कैसे साहित्यकार थे?'
1. आदर्शवादी
2. यथार्थवादी
3. प्रयोगवादी
4. प्रगतिवादी​

Answers

Answered by himanshu9546
2

Answer:

1. is right answer

Explanation:

thankyou

Answered by Jasleen0599
0

1. आदर्शवादी

प्रेमचंद आदर्शवादी साहित्यकार थे |

  • प्रेमचंद कला के प्रति यथार्थवादी होते हुए भी संदेश के प्रति आदर्शवादी हैं। एक आदर्श प्रतिष्ठा प्राप्त करना उनके सभी उपन्यासों का लक्ष्य है। ऐसा करने से यदि चरित्र का स्वभाव नष्ट भी हो जाए तो भी वह अपने सभी पात्रों को आदर्श तक अवश्य पहुँचाएगा।
  • धनपत राय श्रीवास्तव, प्रेमचंद उपनाम से लिखते हैं, भारत के सबसे महान हिंदी और उर्दू लेखकों में से एक हैं। उन्हें मुंशी प्रेमचंद और नवाब राय के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें रोमन सम्राट के नाम से भी नवाजा गया था। उन्हें सर्वप्रथम इसी नाम से प्रसिद्ध बांग्ला उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने संबोधित किया था।
  • प्रेमचंद का मानना ​​है कि साहित्य का रूप या विधा जो भी हो, उसका उद्देश्य "हमारे जीवन की आलोचना और व्याख्या" होना चाहिए। वह अपने पिछले युग की आलोचना करता है, जब कल्पना का एकमात्र उद्देश्य "मात्र मनोरंजन" और "अद्भुत कामुकता" का आनंद था।
  • कविता भी "व्यक्तिवाद के रंग" से रंगी हुई थी। साहित्य में परम सत्य की रक्षा करनी चाहिए। साहित्य का उद्देश्य इस प्रकार के आदर्शवाद की पूर्ति करता है, क्योंकि कोरे आदर्शवाद से जीते हैं, उनके वातावरण में लाभ और हानि दोनों संभव है। यहाँ तक कि स्वर्ग के विचारों का भी उसके लिए कोई मूल्य नहीं है। सुन्दरता का अस्तित्व कुरूपता पर आधारित है।

#SPJ3

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