Biology, asked by surajpanqit123456789, 3 months ago


8. परागण किसे कहते हैं? वर्षा होने पर परागण पर क्या प्रभाव ​

Answers

Answered by mauryasangita716
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Answer:

वर्षा होने पर परागण पर क्या प्रभाव पड़ेगा? ... यदि पराग कण उसी पुष्प के वर्तिकान पर स्थानान्तरित होते हैं तो यह स्वपरागण कहलाता है। यदि एक पुष्प का पराग कण दूसरे पुष्प पर स्थानान्तरित होते हैं तो उसे परपरागण कहते हैं। वर्षा होने पर पराग कण धुलकर मिटटी से चिपक जाएँगे अतः परागण नहीं हो पाएगा।

Answered by Jasleen0599
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परागण किसे कहते हैं? वर्षा होने पर परागण पर क्या प्रभाव ​

  • परागकणों का परागकोश से वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण परागण कहलाता है। मक्का के पौधों में पवन परागण होता है। मक्के के पौधों में नर फूल मंजरी के रूप में सबसे ऊपर दिखाई देते हैं, जबकि मादा फूल पत्ती की धुरी के नीचे दिखाई देते हैं। बारिश के दौरान परागकण भीग जाएंगे जिससे वे कलंक तक नहीं पहुंच पाएंगे।
  • पौधों में परागकणों का नर भाग (एनथर) से मादा भाग (कलंक - वर्तिकाग्र) में स्थानांतरण परागण कहलाता है। परागण के बाद निषेचन होता है और प्रजनन होता है।
  • परागण परागकणों को परागकोश से वर्तिकाग्र तक स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। फूलों के पौधों में दो प्रकार के परागण पाए जाते हैं: स्व परागण: जो एक ही पौधे के भीतर होता है। क्रॉस-परागण: यह दो अलग-अलग पौधों के लेकिन एक ही प्रकार के दो फूलों के बीच होता है।
  • पराग पौधों द्वारा संश्लेषित एक शर्करा द्रव है। आमतौर पर यह फूल में पैदा होता है। यह चिड़ियों, तितलियों और कई कीट पतंगों के लिए एक खाद्य पदार्थ है। यह आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मधुमक्खियां इससे शहद बनाती हैं।

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