CBSE BOARD X, asked by karansaksana444, 5 months ago

8. राजनीतिक विकास
74. राजनीतिक विकास की विशेषताएँ कौन-सी है?

Answers

Answered by lalitnit
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Answer:

राजनीतिक विकास के अर्थ के विषय में आज तक कोई सर्वमान्य धारणा प्रचलित नहीं है उसके अर्थ , प्रकृति व विशेषताओं के संदर्भ में अनेक मत व मान्यताएं प्रचलित हैं और उनमे बहस की स्थिति बरकरार है | पश्चिमी लोकतंत्र के संदर्भ में विकसित राजनीतिक विकास अवधारणा व प्रतिनिधि रूप लूशियन पाई की रचनाओं से मिलता है | पाई ने सांस्कृतिक विसरण अथवा प्रसारण ( cultural diffusion ) को राजनीतिक विकास की एक प्रमुख वैचारिक समस्या माना है | इसके अंतर्गत सामाजिक राजनीतिक जीवन के पुराने प्रति मानो को नई मांगों के संदर्भ में अनुकूलित, समयोजित व समनिवत किया जाता है | पाई ने आधुनिक की राजनीतिक प्रक्रिया की विशेषताओं को स्पष्ट करते हुए यह मत व्यक्ति किया कि आधुनिक की राजनीतिक प्रक्रिया में परिवर्तन के साथ तालमेल बैठाने की क्षमता होती है |

* राजनीतिक विकास की विशेषताएं :-

( 1 ) राजनीतिक विकास मुख्यत : राजनीतिक पर्यावरण की वह पूर्ण आवश्यकता जो आर्थिक औद्योगिक की विकास के लिए अनिवार्य है इस दृष्टि से राजनीतिक विकास राजनीतिक व सरकारी स्थितियों का मात्र ऐसा सृजन बनकर प्रस्तुत होता है जिसे उच्चतर आर्थिक कार्य निष्पादन उपलब्ध होती है

( 2 ) पहली स्थापना के सहयोगी वैचारिक कारक के रूप में राजनीतिक विकास सरकारी क्रियाओं व उपलब्धियों पर बल देता है और ऐसी स्थिति में विकास का संबंध सरकार की उस से बेहतर प्रशासनिक क्षमता से होता है जिसके द्वारा सार्वजनिक नीतियां क्रियान्वित की जाती है यह विकास की अवधारणा है जो औपनिवेशिक शासन में प्रधानत : अधिक तार्किक वे प्रशासनतंत्र विकास के रूप में बहुधा परिलक्षित होती रही है

( 3 ) राजनीतिक विकास का स्तर वस्तुतः उस अनुपात पर निर्भर है जिसके अंतर्गत व्यवहार के आधुनिक प्रतिमान पारंपरिक प्रतिमान लो को प्रतिस्थापित करते हैं ऐसी स्थिति में उपलब्धि विषयक धारणाएं आरोपण सलमान को का स्थान ले लेती है सामाजिक संबंधों में क्रियात्मक वितरण के स्थान पर क्रियात्मक विशिष्टता तरज़ीब पाने लगती है

( 4 ) राजनीतिक विकास किसी व्यवस्था की उस कार्यवाहक क्षमता पर भी निर्भर करता है जिसके अंतर्गत कोई व्यवस्था मांगों के दबाव को ने केवल जलती है बल्कि उन्हें सफलतापूर्वक रूपांतरित भी करती है इस दृष्टि से एक से संसक्तिशील संगठित समाज विकसित है

( 5 ) राजनीतिक विकास एक अर्थ में राष्ट्र निर्माण भी है क्योंकि राष्ट्र निर्माण की स्थितियों में ही कोई राज्य आधुनिक विकास में प्रभावशाली भूमिका निभा पाता है

( 6 ) पांचवी स्थापना के पूरा ग्रुप में यह कहा जा सकता है कि राजनीतिक विकास का मापदंड राष्ट्रीय शक्ति है क्योंकि उससे वह योग्यता उपजती है

( 7 ) राजनीतिक विकास वास्तव में लोकतांत्रिक विकास ही है उसका निहितार्थ यह है कि विकास स्वतंत्रता लोकप्रिय संप्रभुता तथा स्वतंत्र संस्थानों का पोषण हो |

* लूशियन पाई के द्वारा राजनीतिक विकास मूलत: के तीन तत्वों से संबंधित है :-

( 1 ) जनता

( 2 ) सरकारी व व्यवस्थापक क्रियाशीलता

( 3 ) राज्यव्यवस्था का संगठन |

सरकारी व व्यवस्थापक क्रियाशीलता राजनीतिक व्यवस्था की उच्च क्षमता का परिचय देती है जिसे सार्वजनिक मामले व्यवस्थित होते हैं विवादों पर नियंत्रण होता है और लोकप्रिय मांगों का संशोधन किया जाता है | राज्य व्यवस्था के संगठन से अभिप्राय यह है कि राजनीति विकास किसी भी व्यवस्था में संरचनात्मक विभेदीकरण वृहत्तर क्रिया वैशिष्ट्य व समस्त सहभागी संगठनों के वृहत्तर एकीकरण परिलक्षित करें |

राजनीति विकास को आर्थिक विकास की अवस्थाओं से जोड़ते हुए | केनेथ ऑर्गेनकी का यह मत है कि राजनीति विकास के लक्ष्यों की उपलब्धि के लिए किसी भी विकासशील समाज को चार अवस्थाओं में से होकर गुजरना होता है |

( 1 ) राजनीतिक एकीकरण राज्य के पक्ष में राजनीतिक शक्ति का केंद्रीयकरण|

( 2 ) औद्योगिकरण आर्थिक विकास को तीव्रता व संस्था तमक आधार उपलब्ध कराने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया |

( 3 ) राष्ट्रीय लोक कल्याण व प्रक्रिया जिसके द्वारा राज्य नियंत्रित आर्थिक राजनीतिक शक्तियों का लाभकारी कल्याण जनसाधारण तक पहुंचाता है |

* राजनीतिक विकास का विश्व दृष्टिकोण :-

यह विश्व दृष्टिकोण विश्व के संदर्भ में अपनी-अपनी दृष्टि विकसित व तीखा करता है सभी समाज विकसित व विकासशील समाजों के द्वेधाभासी तथ्य को स्वीकार करते हैं | यह वास्तविक एक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ग _सर्वा की स्थिति प्रकट करता है तो दूसरी और संघर्ष निवारण के लिए आवश्यक सदावपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी मूर्त रूप देता दिखाई देते हैं विकास पर अंकुश वे विकास को प्रोत्साहन दोनों आवश्यक कार्य हैं और अंतरराष्ट्रीय विकास नियमन के कार्य से आज संयुक्त राष्ट्र संघ संलग्न है |

* विकास का विचार:-

जैसा कि स्पष्ट है विकास की वैचारिक की स्थितियां भी अनंत हैं विकास राजनीतिक पहले हो या आर्थिक, विकास का मॉडल कौन सा है | विकास के किसी एक निर्दिष्ट विचार से असहमति के बावजूद यह कहा जा सकता है कि राजनीति विकास का प्रत्यय प्रतिमान अपने एक विकसित विकास के विचार से संयोजित व परिचालित है |

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