8)उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए व्याकरण के पाठ्यक्रम के स्वरूप को किस प्रकार निर्धारित किया गया है ? स्पष्ट कीजिए। शिता
Answers
Answer:
बच्चे अपने साथ बहुत कुछ लेकर विद्यालय आते हैं – अपनी भाषा, अपने अनुभव और दुनिया को देखने का अपना नजरिया आदि। बच्चे घर – परिवार एवं परिवेश से जिन अनुभवों को लेकर विद्यालय आते हैं, वे बहुत समृद्ध होते हैं। उनकी इस भाषायी पूँजी का इस्तेमाल भाषा सीखने – सिखाने के लिए किया जाना चाहिए। पहली बार विद्यालय में आने वाला बच्चा आने शब्दों के अर्थ और उनके प्रभाव से परिचित होता है। लिपिबद्ध (चिन्ह और उनसे जुड़ी ध्वनियाँ बच्चों के लिए अमूर्त होती हैं, इसलिए पढ़ने का प्रारंभ अर्थपूर्ण सामग्री से ही होना चाहिए और किसी उद्देश्य के लिए होना चाहिए। यह उद्देश्य कहानी सुनकर – पढ़कर आनंद लेना भी हो सकता है। धीरे – धीरे बच्चों में भाषा की लिपि से परिचित होने के बाद अपने परिवेश में उपलब्ध लिखित भाषा को पढ़ने – समझने की जिज्ञासा उत्पन्न होने लगती है। भाषा सीखने – सिखाने की इस प्रक्रिया के मूल में बच्चों के बारे में यह अवधारणा है कि बच्चे दुनिया के बारे में अपनी समझ और ज्ञान का निर्माण स्वयं करते हैं।