8.
ऊँची पट्टी में गायन से आप क्या समझते हैं ?
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Explanation:
ऊँची पट्टी' में रहता है। गाने में संगीत दिग्दर्शक उसे अधिकाधिक ऊँची पट्टी में गवाते हैं और उसे अकारण ही चिलवाते हैं।
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Answer:
गायन में अधिकाधिक ऊँचे (तारसप्तक के) स्वरों का प्रयोग - लेखक की दृष्टि में लता के गायन में एक और कमी यह है कि उनका गाना सामान्यत: ऊँची पट्टी में रहता है। गाने में संगीत दिग्दर्शक उन्हें अधिकाधिक ऊँची पट्टी में गवाते हैं अर्थात् ऊँचे (तारसप्तक के) स्वरों का प्रयोग करवाते हैं और अकारण ही चिलवाते हैं।
Explanation:
गायन में अधिकाधिक ऊँचे (तारसप्तक के) स्वरों का प्रयोग - लेखक की दृष्टि में लता के गायन में एक और कमी यह है कि उनका गाना सामान्यत: ऊँची पट्टी में रहता है। गाने में संगीत दिग्दर्शक उन्हें अधिकाधिक ऊँची पट्टी में गवाते हैं अर्थात् ऊँचे (तारसप्तक के) स्वरों का प्रयोग करवाते हैं और अकारण ही चिलवाते हैं।
ऊँची पट्टी' में रहता है। गाने में संगीत दिग्दर्शक उसे अधिकाधिक ऊँची पट्टी में गवाते हैं और उसे अकारण ही चिलवाते हैं।
गायन एक ऐसी क्रिया है जिससे स्वर की सहायता से संगीतमय ध्वनि उत्पन्न की जाती है और जो सामान्य बोलचाल की गुणवत्ता को राग और ताल दोनों के प्रयोग से बढाती है। जो व्यक्ति गाता है उसे गायक या गवैया कहा जाता है। गायक गीत गाते हैं जो एकल हो सकते हैं यानी बिना किसी और साज या संगीत के साथ या फिर संगीतज्ञों व एक साज से लेकर पूरे आर्केस्ट्रा या बड़े बैंड के साथ गाए जा सकते हैं।
#SPJ3