800 word hindi essay on mere sapno ki duniya
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मेरे सपनो की दूण्या बोहट ही हसीन हे
और हर रात के उस दूण्या मे चला जाता हों
इस दूण्या मे ना तो मुज़े कोई मुश्किल मिलती हे
ना ही कोई दर मिलता हे
इधर हर चीज़ मे खुशी होती हे, सकूँ होता हे
मेरी सपनो की दूण्या मे कोई स्कूल एग्ज़ॅम नही होते
ना ही उसमे तूतिओं होती हे
हाँ उसमे मेरी बोहट से दूस्ट होटाईन हैं, जिन के सात मे क्रिकेट खेलता हों, बातयन करता हों और मज़ा ही मज़ा होता हे
मेरे सपनो की दूण्या का नज़ारा भी बोहट सुंदर होता हे. उधर लंबे लंबे पहार होते हैं, उधर नदियाँ बहती हैं और सॉफ से बादल होटैन हे. सुबा सुबा चाइरन की आवाज़ों से नज़ारा और भी प्यारा हो जाता हे
एक और अजीब सी बात हे. अपने सपने की दूण्या मे , मे कभी तख्ता भी नही हों. आराम से भागता खेलता हों और तो और पहार भी चार जाता हों
पहार के उपर के बुरी सी अम्मा रहती हैं को हमेशा मुज़े देख कर बोहट खुश होती हैं और मुज़े खन्ना भी खेलती हैं. वो मुज़े 'बेटा' कर के प्पूकारती हैं और मे उनको अम्मा जी कहता हों
मेरी सपनो की दूण्या मे अंडरा बोहट कम होता हे और सुभाय का समय ज़डा होता हे
मेरे सपनो के दूसटों मे मेरे बोहट से दूस्ट उधर का शेर, हाथी और लूंबरी होते हैं
जब भी मे सपनो की दूण्या मे जाता हों यह सारे मुज़े एक दम मिलने आ जाते हैं और खूब बातयन करटाईन हैं
अजीब सी बात हे पर इन सूब को चॉक्लेट बोहट पसंद होती हे और हमेशा मुज़े कहते हैं के मे उनके लिए चॉक्लेट लायन पर मे हमेशा भूल जाता हों
अगली दफ़ा सूच रहा हों इनके लिए कुछ ले जाओं
सपों मे मेरे पास बोहट सुंदर गारी होती हे जो उरती भी हे. उसे मे पूरी दूण्या का सफ़र करता हों, लोगगों से मिलता हों और बोहट मज़ा आता हे!
सपों की दूण्या मे कोई अमीर घरीब नही होता. इधर सारे लोग एक जैसे हैं. सूब के रहने के तरीका भी एक जैसे होता हे.
बोहट ही सदा. सूब अपना खाना खुद उगते हैं और सूब बोहट खुश रहते हैं
इधर कोई मोबाइल फोन का कंप्यूटर भी नही होआते ना ही बिगली गॅस होती हे. देखने मे सारी दूण्या बोहट ही सदा सी होती हे जैसे कोई बोहट ही सुंदर गाओं हों.
मे सुबा उठ कर अपनी मा बाप दूनो को अभी सपनो की दूने का बता हों. उनको अपने दोस्तों का, गारी का, वाहा के लंबे फार और लोगों के बारे मे हरूज़ बता ता हो, पेर उनको मेरी बाटोनो पेर यकीन नही आता वो हमेशा कहते हैं एक सूब के सपना हे और मुज़े इसको भूल जाना
छैइया पेर मे इसको कैसे भूलणो. मेरी सपनो की दूण्या हास्सें हे और मेरे लिए तो असल दूण्या से भी ज़डा अची हे.
असल दूण्या मे तो बोहट सी खराबी हे. इधर लोग झूट बोलते हैं, दॉखा देयता हैं, एक दोसरे को मारते हैं और कोई एक दूसरे का खेयाल नही रखता.
मेरी सपनो की दूण्या मे लोग अछा होते हैं, कोई झूट नही बोलता और सूब एक दोसरे का खेला रखते हैं.
असला दूण्या मे तो मे एक सहेर मे रहता हों, जहाँ सरके होती हे, बोहट सी गारी, रश और गारी का दोहा. पेर मेरी दूण्या मे तो बोहट सॉफ हवा होती हे, कोई रश नही होता ना ही शूर होता हे होता हे कोई. सूब जगा पेर सकूँ होता हे.
असला दूण्या मे मेरे मामा पापा बोहट लरतयायन हे, हमे घर पेर पैसों का मसला चलता रहता हे. घर पेर तो गरम पानी भी नही आता और बिजली भी बोहट जाती हे.
मेरी सपनो की दूण्या मे तो ऐसा कुछ नही होता, ना उधर बिजली होती हे ना ही बिजली की ज़रूरत होती हे. और गरम पानी तो सूब के पास हॉट हे
असल दूण्या मे तो लोग जानवरो के सात बोहट बुरा हाल करते है. जानवरों को मारते हैं और खाते हैं. मेरी सपनो की दूण्या मे तो ऐसे कुछ नही होता. जानवर तो इंसान के दोस्त होते हैं.
जानवरों के सात तो मे ऐसे बातयन करता हों जैसे अपने दोस्तों से करता हों. बोहट मज़ा आता हे.
लोगों को यह सूब अजीब लगता हो गा, पेर मेरी तो यह दूण्या हे मेरी सपनो की दूण्या
जहाँ मे रहने चटा हों और सब को ले कर जाना चटा हों.
मेरे मा बाप मुज़े तो एक दफ़ा डॉक्टर के पास भी ले गये थे और डॉक्टर जी को बताया के मे सपनो की दूण्या मे बोहट ज़डा रहने लग गिया हों. डॉक्टर सब ने मेरे सात 1 गांते बात की और हस मे मेरी मामा पापा को बुलाया और कहा के आपका बेटा बिल्कुल ठीक हे, इसको इस्कडूनया मे रहने दे और मज़े करने डायन.
यह सुन कर मे तो बोहट ही खुश होवा! डॉक्टर जी भी मेरी दूण्या को संजते थे.
अब मामा पापा मुज़े कुछ नही कहते. हर रत को मे अपने सपनो की दूण्या मे जाता हों और सुबा वो खुद मुज़े से मेरी दूण्या मे बारे मा पोछते हैं
और हर रात के उस दूण्या मे चला जाता हों
इस दूण्या मे ना तो मुज़े कोई मुश्किल मिलती हे
ना ही कोई दर मिलता हे
इधर हर चीज़ मे खुशी होती हे, सकूँ होता हे
मेरी सपनो की दूण्या मे कोई स्कूल एग्ज़ॅम नही होते
ना ही उसमे तूतिओं होती हे
हाँ उसमे मेरी बोहट से दूस्ट होटाईन हैं, जिन के सात मे क्रिकेट खेलता हों, बातयन करता हों और मज़ा ही मज़ा होता हे
मेरे सपनो की दूण्या का नज़ारा भी बोहट सुंदर होता हे. उधर लंबे लंबे पहार होते हैं, उधर नदियाँ बहती हैं और सॉफ से बादल होटैन हे. सुबा सुबा चाइरन की आवाज़ों से नज़ारा और भी प्यारा हो जाता हे
एक और अजीब सी बात हे. अपने सपने की दूण्या मे , मे कभी तख्ता भी नही हों. आराम से भागता खेलता हों और तो और पहार भी चार जाता हों
पहार के उपर के बुरी सी अम्मा रहती हैं को हमेशा मुज़े देख कर बोहट खुश होती हैं और मुज़े खन्ना भी खेलती हैं. वो मुज़े 'बेटा' कर के प्पूकारती हैं और मे उनको अम्मा जी कहता हों
मेरी सपनो की दूण्या मे अंडरा बोहट कम होता हे और सुभाय का समय ज़डा होता हे
मेरे सपनो के दूसटों मे मेरे बोहट से दूस्ट उधर का शेर, हाथी और लूंबरी होते हैं
जब भी मे सपनो की दूण्या मे जाता हों यह सारे मुज़े एक दम मिलने आ जाते हैं और खूब बातयन करटाईन हैं
अजीब सी बात हे पर इन सूब को चॉक्लेट बोहट पसंद होती हे और हमेशा मुज़े कहते हैं के मे उनके लिए चॉक्लेट लायन पर मे हमेशा भूल जाता हों
अगली दफ़ा सूच रहा हों इनके लिए कुछ ले जाओं
सपों मे मेरे पास बोहट सुंदर गारी होती हे जो उरती भी हे. उसे मे पूरी दूण्या का सफ़र करता हों, लोगगों से मिलता हों और बोहट मज़ा आता हे!
सपों की दूण्या मे कोई अमीर घरीब नही होता. इधर सारे लोग एक जैसे हैं. सूब के रहने के तरीका भी एक जैसे होता हे.
बोहट ही सदा. सूब अपना खाना खुद उगते हैं और सूब बोहट खुश रहते हैं
इधर कोई मोबाइल फोन का कंप्यूटर भी नही होआते ना ही बिगली गॅस होती हे. देखने मे सारी दूण्या बोहट ही सदा सी होती हे जैसे कोई बोहट ही सुंदर गाओं हों.
मे सुबा उठ कर अपनी मा बाप दूनो को अभी सपनो की दूने का बता हों. उनको अपने दोस्तों का, गारी का, वाहा के लंबे फार और लोगों के बारे मे हरूज़ बता ता हो, पेर उनको मेरी बाटोनो पेर यकीन नही आता वो हमेशा कहते हैं एक सूब के सपना हे और मुज़े इसको भूल जाना
छैइया पेर मे इसको कैसे भूलणो. मेरी सपनो की दूण्या हास्सें हे और मेरे लिए तो असल दूण्या से भी ज़डा अची हे.
असल दूण्या मे तो बोहट सी खराबी हे. इधर लोग झूट बोलते हैं, दॉखा देयता हैं, एक दोसरे को मारते हैं और कोई एक दूसरे का खेयाल नही रखता.
मेरी सपनो की दूण्या मे लोग अछा होते हैं, कोई झूट नही बोलता और सूब एक दोसरे का खेला रखते हैं.
असला दूण्या मे तो मे एक सहेर मे रहता हों, जहाँ सरके होती हे, बोहट सी गारी, रश और गारी का दोहा. पेर मेरी दूण्या मे तो बोहट सॉफ हवा होती हे, कोई रश नही होता ना ही शूर होता हे होता हे कोई. सूब जगा पेर सकूँ होता हे.
असला दूण्या मे मेरे मामा पापा बोहट लरतयायन हे, हमे घर पेर पैसों का मसला चलता रहता हे. घर पेर तो गरम पानी भी नही आता और बिजली भी बोहट जाती हे.
मेरी सपनो की दूण्या मे तो ऐसा कुछ नही होता, ना उधर बिजली होती हे ना ही बिजली की ज़रूरत होती हे. और गरम पानी तो सूब के पास हॉट हे
असल दूण्या मे तो लोग जानवरो के सात बोहट बुरा हाल करते है. जानवरों को मारते हैं और खाते हैं. मेरी सपनो की दूण्या मे तो ऐसे कुछ नही होता. जानवर तो इंसान के दोस्त होते हैं.
जानवरों के सात तो मे ऐसे बातयन करता हों जैसे अपने दोस्तों से करता हों. बोहट मज़ा आता हे.
लोगों को यह सूब अजीब लगता हो गा, पेर मेरी तो यह दूण्या हे मेरी सपनो की दूण्या
जहाँ मे रहने चटा हों और सब को ले कर जाना चटा हों.
मेरे मा बाप मुज़े तो एक दफ़ा डॉक्टर के पास भी ले गये थे और डॉक्टर जी को बताया के मे सपनो की दूण्या मे बोहट ज़डा रहने लग गिया हों. डॉक्टर सब ने मेरे सात 1 गांते बात की और हस मे मेरी मामा पापा को बुलाया और कहा के आपका बेटा बिल्कुल ठीक हे, इसको इस्कडूनया मे रहने दे और मज़े करने डायन.
यह सुन कर मे तो बोहट ही खुश होवा! डॉक्टर जी भी मेरी दूण्या को संजते थे.
अब मामा पापा मुज़े कुछ नही कहते. हर रत को मे अपने सपनो की दूण्या मे जाता हों और सुबा वो खुद मुज़े से मेरी दूण्या मे बारे मा पोछते हैं
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hi
buddy ✌️✌️✌️✌️
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
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Brain list pls❤️❤️❤️
@toshika
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