Hindi, asked by faithyetty5413, 17 days ago

800 words in Hindi Bhartiya Sanskriti Mein Nari Dharm

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Answered by aasishd9621
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Answer:

sry i don,t known

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Answered by akushwaha54369
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प्राचीन वेदों उपनिषद और शास्त्रों में इसका विस्तार से उल्लेख किया गया है प्राचीन संस्कृति के अनुसार नारियों का एकमात्र धर्म पति सेवा रहा है अपने पति की सुख-दुख तथा हर परिस्थिति में सहायता करना तथा उस का साथ देना और आवश्यकता पड़ने पर अगर अपने पति के लिए अपने प्राण भी देने पड़े तो प्राचीन संस्कृति के अनुसार उन्हें ऐसा करना ही चाहिए स्वयं के पति को छोड़कर किसी अन्य पुरुष को देखना भी पूर्ण रूप से अनुचित माना जाता है किसी नारी का किसी दूसरे पुरुष के साथ व्यभिचार करने पर ही उसे समाज से निष्कासित कर दिया जाता है यह भारतीय संस्कृति के अनुसार यह नारी धर्म के विरुद्ध है विवाह के पश्चात ही से यह अपेक्षा की जाती है कि भी अपना संपूर्ण जीवन अपने पति की सेवा में न्योछावर करें प्राचीन संस्कृति में नारियों का मुख्य रूप से पति सेवा के अलावा कोई अन्य धर्म का उल्लेख यथा कदा ही मिलता है उन्हें संपूर्ण सत्य निष्ठा के साथ पतिव्रत धर्म के पालन करने की अपेक्षा की जाती है ।

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