8th class 3rd lesson pyaara gaav lesson summary...
Telanga board.
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भारत गाँवों के देश है । हमारे देश की साठ-सत्तर प्रतिशत जनसंख्या अब भी गाँवों में ही रहती है । गाँव का जीवन शहरी जीवन से अलग होता है । यहाँ की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है ।
गाँवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं । यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज भी विद्यमान हैं । यहाँ के लोगों में अपनापन और सामाजिक घनिष्ठता पाई जाती है । यहाँ खुली धूप और हवा का आनंद उठाया जा सकता है । यहाँ हरियाली और शांति होती है ।
हमारे गाँव भारत की कृषि व्यवस्था के आधार हैं । यहाँ कृषकों का निवास होता है । गाँव के चारों ओर खेत फैले होते हैं । खेतों में अनाज एवं सब्जियों उगाई जाती हैं । गाँवों में तालाब और नहरें होती हैं । इनमें संग्रहित जल से किसान फसलों की सिंचाई करते है । गाँवों में खलिहान होते हैं । यहाँ पकी फसलों को तैयार किया जाता है ।
गाँवों में खेती क अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं । पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है तथा कृषि कार्य में सहायता मिलती है । पशुओं का गोबर खाद का काम करता है । पशु दूध देते हैं तथा बैल, भैंसा आदि पशु हल में जीते जाते हैं । कुछ पशु माल दुलाई में ग्रामवासियों की मदद करते हैं ।
गाँव का जीवन शांतिदायक होता है । यहाँ के लोग शहरी लोगों की तरह निरंतर भाग-दौड़ में नहीं लगे रहते हैं । यहाँ के लोग सुबह जल्दी जगते हैं तथा रात में जल्दी सो जाते हैं । यहाँ की वायु महानगरों की वायु की तरह अत्यधिक प्रदूषित नहीं होती । यहाँ बाग-बगीचे होते हैं जहाँ के फूलों की सुगंध हवा में व्याप्त रहती है । यहाँ भीड़- भाड़ कम होने से ध्वनि प्रदूषण भी नहीं पाया जाता है ।
गाँवों में उत्सवों और मेलों की धूम होती है । यहाँ होली, बैशाखी, पोंगल, ओणम, दीवाली, दशहरा, ईद जैसे त्योहार परंपरागत तरीके से मनाए जाते हैं । त्योहारों के अवसर पर लोग आपस में मिलते-जुलते हैं । वे लोक धुनों के नृत्य पर थिरकते हैं । गाँव के लोग आपसी सुख- दु:ख में एक-दूसरे का पूरा साथ देते हैं । गाँव के सभी लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं । वे आपसी विवाद को अधिकतर पंचायत में ही सुलझा लेते हैं ।
भारत के गाँवों में भी अब शहरों की कई सुविधाएँ पहुंच गई हैं । यहाँ बिजली, टेलीफोन, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, सड़क, पानी का नल जैसी सुविधाएँ पहुँच रही हैं । वहाँ के किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करने लगे हैं । अब हल बैल के स्थान पर ज्यादातर ट्रैक्टरों से खेतों की जुताई की जाती है । वहाँ भी अब स्कूल, सार्वजनिक भवन तथा अस्पताल हैं । गाँवों की गलियाँ पक्की कर दी गई हैं ।
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भारत गाँवों के देश है । हमारे देश की साठ-सत्तर प्रतिशत जनसंख्या अब भी गाँवों में ही रहती है । गाँव का जीवन शहरी जीवन से अलग होता है । यहाँ की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है ।
गाँवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं । यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज भी विद्यमान हैं । यहाँ के लोगों में अपनापन और सामाजिक घनिष्ठता पाई जाती है । यहाँ खुली धूप और हवा का आनंद उठाया जा सकता है । यहाँ हरियाली और शांति होती है ।
हमारे गाँव भारत की कृषि व्यवस्था के आधार हैं । यहाँ कृषकों का निवास होता है । गाँव के चारों ओर खेत फैले होते हैं । खेतों में अनाज एवं सब्जियों उगाई जाती हैं । गाँवों में तालाब और नहरें होती हैं । इनमें संग्रहित जल से किसान फसलों की सिंचाई करते है । गाँवों में खलिहान होते हैं । यहाँ पकी फसलों को तैयार किया जाता है ।
गाँवों में खेती क अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं । पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है तथा कृषि कार्य में सहायता मिलती है । पशुओं का गोबर खाद का काम करता है । पशु दूध देते हैं तथा बैल, भैंसा आदि पशु हल में जीते जाते हैं । कुछ पशु माल दुलाई में ग्रामवासियों की मदद करते हैं ।
गाँव का जीवन शांतिदायक होता है । यहाँ के लोग शहरी लोगों की तरह निरंतर भाग-दौड़ में नहीं लगे रहते हैं । यहाँ के लोग सुबह जल्दी जगते हैं तथा रात में जल्दी सो जाते हैं । यहाँ की वायु महानगरों की वायु की तरह अत्यधिक प्रदूषित नहीं होती । यहाँ बाग-बगीचे होते हैं जहाँ के फूलों की सुगंध हवा में व्याप्त रहती है । यहाँ भीड़- भाड़ कम होने से ध्वनि प्रदूषण भी नहीं पाया जाता है ।