9. "बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
सौह करै भौहनि हँस, दैन कहै नटि जाय।"
काव्य-पक्तियों में प्रयुक्त रस है - 2
(1Point)
अद्भुत रस
. हास्य रस
इनमें से कोई नहीं
O श्रृंगार रस
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सही उत्तर है...
➲ हास्य रस
व्याख्या :
✎... “बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
सौह करै भौहनि हँस, दैन कहै नटि जाय।”
इस पंक्ति में ‘हास्य रस’ होगा।
हास्य रस का स्थाई भाव हास होता है।
हास्य रस की परिभाषा के अनुसार ‘जब दूसरों की चेष्टा को देखकर या उसके अनुकरण करने से जो हास्य से उत्पन्न होता है अथवा किसी वस्तु, व्यक्ति के विकृत आकार, वेशभूषा, वाणी, चेष्टा आदि से व्यक्ति को बरबस हंसी आ जाए तो वहां का हास्य रस की उत्पत्ति होती है।’
उपरोक्त पंक्तियों में हास्य रस प्रकट हो रहा है और हास्य रस का स्थाई भाव हास होता है।
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