9. गैर रोकड़ मद क्या है?
Answers
Answer:
matab samajh nahi aaya aap nee kya likha hai
Explanation:
रोकड़ बही (कैश बुक या कैश एकाउण्ट) प्रारम्भिक लेखे की पुस्तक है जिसमें मुद्रा की प्राप्तियों तथा भुगतानों का लेखा किया जाता है। रुपया कहाँ-कहाँ से कितना आता है कहाँ-कहाँ कितना चला जाता है, फिर शेष कितना बच जाता है - इसे प्रकट करने के लिए रोकड़ बही बनायी जाती है।
रोकड़ की समस्त प्राप्तियाँ डेबिट पक्ष में और समस्त भुगतान क्रेडिट पक्ष में लिखे जाते हैं। रोकड़ बही वह पुस्तक है जो रोजनामचा व खाता-बही दोनों के उद्देश्य की पूर्ति करती है। रोकड़ बही को सहायक पुस्तक के साथ-साथ एक प्रधान पुस्तक भी माना जाता है। चूँकि रोकड़ बही में लेन-देन की प्राथमिक प्रविष्टि की जाती है इसलिए इसे 'मूल प्रविष्टि की बही' (Book of Original Entry) भी कहा जाता है। हम इसे एक प्रकार से अपने व्यवसाय के हिसाब किताब रखने वाली पुस्तक भी कह सकते हैं ।
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रोकड़ बही की विशेषताएं
(१) रोकड़ बही लेन-देन के केवल एक पक्ष अर्थात प्रकृति पर प्रकाश डालती हैं।
(२) लेन-देन का अभिलेखन क्रमबद्ध रूप में किया जाता है।
(३) रोकड़ प्राप्तियों को रोकड़ बही के डेबिट पक्ष में लिखा जाता है जबकि रोकड़ भुगतानों को क्रेडिट पक्ष में।
(४) रोकड़ बही एक रोजनामचाकृत खाता-बही है। यह सहायक पुस्तक तथा प्रमुख पुस्तक दोनों ही है।
प्रकार
रोकड़ बही चार प्रकार की होती है-
(१) साधारण रोकड़ बही (Simple Cash Book)
(२) दो खाने वाले रोकड़ बही (Double Cash Book)
(३) तीन खाने वाले रोकड़ बही (Three Column Book)
(४) खुदरा रोकड़ बही (Petty Cash Book)
रोकड़ बही के उद्देश्य
किसी दी गई अवधि के दौरान कुल रोकड़ प्राप्तियों तथा कुल रोकड़ भुगतानों को ज्ञात करना।
किसी भी समय रोकड़ शेष तथा बैंक शेष ज्ञात करना।
हस्तस्थ रोकड़ तथा बैंक में रोकड़ की शुद्धता को सत्यापित करना।
रोकड़ बही तथा जर्नल में समनताएँ
जर्नल की तरह रोकड़ वही में भी सभी लेन-देनों को तिथिवार लिखा जाता है।
जर्नल की तरह ही रोकड़ बही में भी खाता पृष्ट संख्या रहता है।
जर्नल की तरह रोकड़ बही में भी नैरेशन दिए जाते हैं।