Hindi, asked by shanya23, 7 months ago

9 'किबला शौक फरमाएँ', 'आदाब-अर्ज....शौक फरमाएँगे जैसे
कथन शिष्टाचार से जुड़े हैं। अपनी मातृभाषा के शिष्टाचार
उत्तर
सूचक कथनों की एक सूची तैयार कीजिए।
उत्तर विद्यार्थी स्वयं करें।​

Answers

Answered by shababahmmed786
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Answer:

प्रश्न-अभ्यास

1- लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?

2- नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंततः सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?

3- बिना विचार, घटना और पात्रें के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?

4- आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?

रचना और अभिव्यक्ति

5- (क) नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।

(ख) किन-किन चीजों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?

6- खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।

7- क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।

भाषा-अध्ययन

8- निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिएμ

(क) एक सप् ़ शफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।

(ख) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।

(ग) ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।

(घ) अकेले सप् ़ शफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।

(घ) दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला।

(च) नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा।

(छ) नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।

(ज) जेब से चाकू निकाला।

पाठेतर सक्रियता

‘किबला शौक फरमाएँ’, ‘आदाब-अर्ज---शौक फरमाएँगे’ जैसे कथन शिष्टाचार से जुड़े हैं। अपनी मातृभाषा के शिष्टाचार सूचक कथनों की एक सूची तैयार कीजिए।

‘खीरा---मेदे पर बोझ डाल देता है’ क्या वास्तव में खीरा अपच करता है? किसी भी खाद्य पदार्थ का पच-अपच होना कई कारणों पर निर्भर करता है। बड़ाें से बातचीत कर कारणों का पता लगाइए।

खाद्य पदार्थों के संबंध में बहुत-सी मान्यताएँ हैं जो आपके क्षेत्र में प्रचलित होंगी, उनके बारे में चर्चा कीजिए।

पतनशील सामंती वर्ग का चित्रण प्रेमचंद ने अपनी एक प्रसिद्ध कहानी ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में किया था और फिर बाद में सत्यजीत राय ने इस पर इसी नाम से एक पि़् शफ़ल्म भी बनाई थी। यह

कहानी ढूँढ़कर पढ़िए और संभव हो तो पि़्फ़ल्म भी देखिए

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