9.मेरी शारीरिक तंदुरुस्ती ही मेरी दौलत है जो आत्म-निर्भर भारत के लिए मानवपूंजी का निर्माण करेगी। निबंध
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शारीरिक तंदुरुस्ती ना सिर्फ व्यक्ति की व्यक्तिगत पूंजी है बल्कि वो देश के लिए भी एक अनमोल उपहार स्वरूप हैं। अगर देश के भविष्य की उज्ज्वल रखना है तो नागरिकों को मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से स्वस्थ रहना आवश्यक है।
यदि हमारे सभी नागरिक स्वस्थ व तंदुरुस्त होंगे तो , देश में एक अच्छा माहौल रहेगा। देश विकास की राह पर तेजी से चल पड़ेगा । क्योंकि सफलता और फिटनेस का रिश्ता एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। फिर चाहे क्षेत्र कोई भी क्यों न हो। उद्योग से लेकर खेल जगत या फिर फिल्म जगत से लेकर स्टार्टअप तक , जो फिट हैं वही सफल हैं।
आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए मानव पूंजी भी एक मजबूत स्तंभ है। हमारे पास जितनी अच्छी मानव पूंजी होगी। हमारा सपना उतनी जल्दी साकार हो जाएगा। चाहे आप जन कल्याण से संबंधित कितनी भी योजनाएं बना लें , चाहे आप कितने अच्छे स्टार्टअप प्रोग्राम ले आए हैं या कितने भी नए उद्योग धंधे , कल कारखाने खोल लें।
इन सब को चलाने के लिए धन और अन्य सामानों के अलावा मानव पूँजी की आवश्यकता होती है। सभी काम मशीनों के द्वारा नहीं किया जा सकते । अगर भारत के नागरिक स्वस्थ रहेंगे तो वो सरकार द्वारा द्वारा चलाई गई योजनाओं को क्रियान्वित करने में सरकार की मदद करेंगे।
लोगों को उन योजनाओं के प्रति जागरूक कर उन योजनाओं को सफल बनाने का कार्य करेंगे। ऐसे ही आजकल सरकार द्वारा स्टार्टअप प्रोग्राम , पर्यटन प्रोग्राम , कृषि संबंधी प्रोग्राम , नये आविष्कारों को प्रोत्साहन देने आदि के लिए धन मुहैया कराया जा रहा है। ताकि लोग अपनी कंपनी खोलकर या स्वरोजगार अपना कर खुद भी आत्मनिर्भर बने और लोगों को भी रोजगार मुहैया कराएं।
लेकिन इन कंपनियों को खड़ा करने में शुरुआती समय में काफी मेहनत और जुनून की आवश्यकता होती है। ऐसे ही उद्योग धंधे व कल कारखानों में भी मशीन एक सीमा तक ही काम करती हैं। लेकिन मनुष्य मशीनों का और अपना दोनों का काम आसानी से कर सकता है। अगर हमारे पास शारीरिक रूप से मजबूत मानव पूंजी नहीं होगी तो , यह कल कारखाने भी उन्नति नहीं कर पाएंगे।
ऐसे ही कृषि क्षेत्र में भी अनाज का उत्पादन करने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है। कड़ी धूप , बारिश तो सहना ही पड़ता है। साथ में शारीरिक मेहनत भी करनी पड़ती है , जो एक अस्वस्थ आदमी के बस की बात नहीं है। अगर आप टेक्नोलॉजी के क्षेत्र से भी जुड़े हैं तो भी आपको दिमागी रूप से स्वस्थ व मजबूत होना आवश्यक है। और स्वस्थ दिमाग के लिए शारीरिक स्वस्थता पहली प्राथमिकता है।
अगर आप खेल जगत में भारत का नाम रोशन करना चाहते हैं तो आपको निश्चित रूप से शारीरिक रूप से चट्टान की तरह मजबूत होना ही पड़ेगा।ऐसे ही अगर आप नये आविष्कारों को जन्म देना चाहते हैं या मंगल ग्रह पर जाकर वहां की बारीकियों को देखना चाहते हैं , तब भी आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है।
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