9. "मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जा के सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
छोड़ि दयी कुल की कानि, कहा करि हुँ कोई?
संतन ढिग बैटि–बैठि, लोक-लाज खोयी
अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेमि बेलि बोयी।"
(क) काव्यांश की भाषा की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(ख) प्रेम-बोलि बोयी में कोन-सा अलंकार है नाम लिखिते हुए अलंकार को समझाइये।
Answers
Answered by
0
Explanation:
प्रेम बिली भूमि में रूपक अलंकार है पूरी में अनुप्रास अलंकार है फ्री है ब्राह्मण की आवृत्ति है किसकी इसका अर्थ है प्रेम रूपी बेला l
Similar questions