Hindi, asked by suryaminton2, 4 months ago

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"मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जा के सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
छांड़ि दयी कुल की कानि, कहा करि हुँ कोई?
संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी
अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेमि बेलि बोयी।"
क) काव्यांश की भाषा की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
व) 'प्रेम-बोलि बोयी' में कोन-सा अलंकार है नाम लिखिते हुए अलंकार को समझाइये |​

Answers

Answered by anjaliuikey398
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प्रेम बोलि बोयी मे रुपक अलंकार है

रूपक अलंकार= जब उपमेय पर उपमान का निषेध रहित आरोप करते है तब रुपक अलंकार होता है।

काव्यांश की भाषा की दो विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  1. राजस्थानी भाषा का प्रयोग
  2. मिश्रित ब्रज भाषा का प्रयोग
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