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"मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जा के सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
छांड़ि दयी कुल की कानि, कहा करि हुँ कोई?
संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी
अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेमि बेलि बोयी।"
क) काव्यांश की भाषा की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
व) 'प्रेम-बोलि बोयी' में कोन-सा अलंकार है नाम लिखिते हुए अलंकार को समझाइये |
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प्रेम बोलि बोयी मे रुपक अलंकार है
रूपक अलंकार= जब उपमेय पर उपमान का निषेध रहित आरोप करते है तब रुपक अलंकार होता है।
काव्यांश की भाषा की दो विशेषताएं निम्नलिखित हैं
- राजस्थानी भाषा का प्रयोग
- मिश्रित ब्रज भाषा का प्रयोग
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