Hindi, asked by kawdeanjali891, 5 months ago

9. "मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जा के सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
छाडि दयी कुल की कानि, कहा करि हुँ कोई?
संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी
असुवन जल सींचि-सींचि, प्रेमि बेलि बोयी।"​

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Answered by poonamsharma97128
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Answer:

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई वाह यह कहना चाह रही है कि मेरे तो सिर्फ कृष्ण कन्हैया है दूसरा और कोई नहीं है जाके सिर मोर मुकुट सोई उनके सिर पर मोर मुकुट लगा है वही मेरे पति है उन्होंने सब कुल को छोड़ दिया है पूरे जग को छोड़ दिया है वह सिर्फ वसंतबेन के अकेले बैठ गई है उन्होंने लोक लाज सब खो दी है और वही सच्ची सच्ची बोल रही है कि मैं सिर्फ मेरे कन्हैया से ही प्यार करती हूं

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