Hindi, asked by kuldeepjaiswalrkj, 5 months ago

9.
"मरे ता गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जा के सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
छांडि दयी कुल की कानि, कहा करि हुँ कोई?
संतन दिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी
अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेमि बेलि बोयी।काव्यांश की भाषा में उपयुक्त दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ​

Answers

Answered by niveditasharma2602
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Answer:

इस कविता में गिरधर गोपाल जिनके सर पर मोर मुकुट है उन्हें कवि अपना पति मानती हैं.

वे प्रभु के प्रेम में लोक-लाज खो बैठी है और अपने आंसूओ के जल से सींच कर प्रेम की बेल को बोया है. वे प्रभु की भक्ति में लीन हो गयी हैं और उन्हें लोगों की परवाह नहीं है.

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