9 निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
झूरह काछी के दोनों बैलों के नाम थे-हीरा और मोती। दोनों पछाई के थे देखने में सुंदर , काम
में चौकस, डील में ऊँचे बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाई-चारा हो गया था। दोनों आमने-
सामने बैठे हुए एक दूसरे से मूल भाषा में विचार-विनिमय करते थे। एक-दसरे की बात कैसे समझ
जाने थे हम नहीं कह सकते। अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुण शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता
का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक-दूसरे को चाटकर-संधकर अपना प्रेम प्रकट करने
कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लेते, विग्रह के नाते से नहीं केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के
भाव से, जैसे दोस्तो में घनिष्ठता होने ही धौल-धप्या होने लगना है। इसके बिना दोस्ती कुछ
फुसफुसी, कुछ हल्की-सी रहती है, जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता।
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हीरा मोती
Explanation:
व्याख्या::
उपरोक्त पंक्तियां "हीरा मोती" नामक उपन्यास से कि गई हैं।ये उपन्यास मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा रचित है।हीरा मोती दो बैल थे. झोरह काची जो उनका मालिक था वो उनका पूरा ध्यान रखता था।जितना काम लेता था उतना ही खाना पीना भी देता था।वो अपने दोनो बैलों को अपने बच्चों की तरह रखता था।हीरा मोती भी आपस में प्रेम से रहते थे।हीरा मोती दूसरे से सारे दिन बतियते रहते थे और अपनी भाषा में कुछ ना कुछ बात भी करते रहते थे।
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