(9) राम राज्य कैसा था? अपने शब्दों में लिखिए।
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राम राज्य: नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना, नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना भावार्थ:- 'रामराज्य' में किसी को दैहिक, दैविक और भौतिक तकलीफ नहीं थी। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते थे और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं।
राम राज्य: नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना, नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना भावार्थ:- 'रामराज्य' में किसी को दैहिक, दैविक और भौतिक तकलीफ नहीं थी। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते थे और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं।Explanation:
राम राज्य: नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना, नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना भावार्थ:- 'रामराज्य' में किसी को दैहिक, दैविक और भौतिक तकलीफ नहीं थी। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते थे और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं।Explanation:PLS MAKE ME AS BRAINLIST...