9. दंत-क्षय किसे कहते हैं? इससे बचने के दो उपाय लिखिए।
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जीवनशैली और आहार दोनों में बदलाव लाने पर ही दांतों को होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं-
ब्रशिंग नियमित करें, इससे प्लाक और बैक्टीरिया के निर्माण को रोकने में मदद मिलती है, जो दंतक्षय और पेरियोडेंटल बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
अपने दांतो को ज्यादा जोर से रगड़ कर ब्रश न करें इससे उनकी चमक जल्दी फीकी पड़ जाएगी। अपने सफेद चमकदार दांतों पर हल्के हाथों से और आराम से ब्रश लगाएं।
आपको पता नहीं चलेगा लेकिन दांतों को पीसने या टकराने से इनेमल हट जाता है और डेंटिन दिखने लगता है, इनेमल और डेंटिन उन चार अवयवों में से है जिनसे मिलकर दांत बनते हैं, डेंटिन दूसरा हार्ड टिशू है जो इनेमल के अंदर होता है, इसमें खोखली ट्यूब्स होती है जो तंत्रिकाओं तक पहुंचती है, फिर इससे दांतों मे संवेदनशीलता महसूस होने लगती है।
शर्करा और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि इस तरह के खाद्य पदार्थों में मौजूद चीनी लार में बैक्टीरिया के साथ प्रतिक्रिया करके दंतक्षय बढ़ाने और इनेमल को समाप्त करने वाले एसिड का निर्माण करती है।
जीभ भी बैक्टीरिया को एकत्र करती है, इसलिए ब्रश करने के बाद एक जीभी से जीभ को साफ करना चाहिए।
यदि आपके मसूड़ों में सूजन हो जाती है या उनसे खून बहता है तो एक दंत चिकित्सक से परामर्श लें। दांतों और मसूड़ों के दर्द को अनदेखा न करें।
हर छह महीने में अपने दांतों की जांच करवाएं, वर्ष में दो बार डेंटल क्लीनिंग करवाएं।
रेड वाइन, सोडा, खट्टेफल और अत्यधिक मीठे पेय पदार्थ छोड़ दें, लेकिन, फिर भी आप एक या दो ड्रिंक पीना चाहते हैं तो स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें ताकि इसमें मौजूद एसिड पूरे मुँह में न फैल सके।
इसका मतलब है कि सुबह के समय कम से कम दो बार और सोने से पहले भी दो बार और दिन में कम से कम एक बार कुल्ला करना चाहिए। ब्रश से पहले फ्लॉसिंग कर दांतों में फंसे भोजन और बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है।
दांतों की साफ-सफाई के लिए नियमित रूप से अपने दंत चिकित्सक या दंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ को दिखाएं, जिससे पायरिया के प्रारम्भिक लक्षण में ही उसकी जाँच हो सके और रोग होने से पहले ही उसका उपचार किया जा सके।
कुछ दवाएं या धूम्रपान करना पायरिया रोग होने के कारण बन सकते हैं, शुष्क मुंह भी इसका कारण बन सकता है। अत शुष्क मुँह न रखे और धूम्रपान का सेवन न करें।
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दांतों का क्षय रोकने के घरेलू उपचार (Home remedies Tooth Decay)
आम तौर पर दाँतों का क्षय कम करने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से दाँतों को होने नुकसान से या नुकसान होने पर उसके प्रभाव से बचाया जा सकता है-
दांतों का क्षय रोकने में फायदेमंद नींबू (Lemon Beneficial for Tooth Decay in Hindi)
Lemon for tooth decay
नींबू विटामिन-सी का बड़ा स्रोत है। दर्द वाले हिस्से पर नींबू का टुकड़ा रखने से दर्द में तुरन्त आराम आता है। इसके अलावा नींबू के छिलके पर जरा-सा सरसों का तेल लगाकर दांतों और मसूड़ों पर लगाने से दांत साफ होते हैं और मसूड़ें मजबूत होते हैं, साथ ही दांतों से संबंधित कई रोगों से बचाव भी होता है।
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दांतों का क्षय रोकने में फायदेमंद सरसों का तेल (Musturd Oil Beneficial for Tooth Decay in Hindi)
तीन से चार बूंद सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और एक चुटकी नमक मिलाकर दांतों पर नियमित मालिश करने से दांत दर्द की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। अगर दर्द में तुरन्त आराम चाहते हैं तो इस मिश्रण से 15 मिनट तक लगातार मालिश करते रहे। इस उपाय से हिलते हुए दांत मसूड़ों में फिर से फिट हो जाते हैं। दांतों का पीलापन दूर हो जाता है, साथ ही दांतों में कभी पायरिया की शिकायत भी नहीं होती।
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दांतों का क्षय रोकने में फायदेमंद लौंग (Clove Beneficial for Tooth Decay in Hindi)
दांतों के दर्द में लौंग दांतों के सभी बैक्टीरिया को नष्ट करने में सक्षम है क्योंकि लौंग में काफी मात्रा में एनेस्थेटिक और एनलजेसिक औषधीय गुण होते हैं। लौंग को दांतों में दर्द की जगह रखना पड़ता है। इस उपाय से आपको धैर्य रखने की आवश्यकता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में थोड़ी धीमी गति से दांत का दर्द ठीक होता है। दिन में दो से तीन लौंग दांतों के नीचे दबा कर रखे और इस दौरान कुछ न खायें। तेज दर्द की स्थिति में दर्द वाले हिस्से पर लौंग का तेल लगाना बेहद फायदेमंद होता है।
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दांतों का क्षय रोकने में फायदेमंद हींग (Asafetida Beneficial for Tooth Decay in Hindi)
इसमें कई एंटी-इंफ्लैमटोरी, एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जो दांतों के दर्द में राहत प्रदान करते हैं। चुटकी भर हींग को मौसमी के रस में मिलाकर रुई में लेकर उसे दर्द वाली जगह पर लगा दें। मौसमी का रस न होने पर नींबू या पानी भी ले सकते हैं। थोड़ी-सी हींग को एक चौथाई पानी में घोल बनाकर माउथवॉश की तरह इस्तेमाल करने से कुछ ही देर में दांत के दर्द से राहत मिल जाती है।
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दांतों का क्षय रोकने में फायदेमंद प्याज (Onion Beneficial for Tooth Decay in Hindi)
दाँतों की समस्या में प्याज एक उत्तम घरेलू उपचार है। प्याज में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो दांतों के दर्द से राहत दिलाता है। इसे नियमित सलाद के तौर पर कच्चा खाने से दांतों में दर्द की शिकायत नहीं रहती है। दांत के दर्द में प्याज के टुकड़े को दर्द वाले स्थान पर रखे या चबाएं। अगर आपके दांतों में दर्द ज्यादा है और आप इसे कच्चा नहीं चबा सकते, तो इसका रस निकालकर या प्याज को कूटकर उसकी लुग्दी को दर्द वाले दांतों में लगाकर रखना हितकर उपचार है। इससे दांत के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और आपको दर्द से भी जल्द राहत मिलती है।