Hindi, asked by tina3414, 1 year ago

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Answered by Anonymous
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'ताज महल' को प्रेम के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। ताज महल को शाहजहाँ ने अपनी रानी मुमताज महल की याद में वर्ष 1631 ई० में बनवाया था। ताज महल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में आगरा में स्थित है। इसकी गिनती विश्व के सात आश्चर्य में होती है। ताज महल का निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल के मकबरा के रूप में कराया गया था।

ताज महल की अद्भुत सुन्दरता विश्व भर के दर्शकों का मन मोह लेती है। new7wonders.com द्वारा कराये गए ऑन-लाइन मतदान में ताज महल ने विश्व के सात आश्चर्यों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।

tina3414: thankyou
tina3414: can u rewrite the last 2 and 5 word in english
Answered by Shailesh183816
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माँ के बिना जीवन संभव नही है| माँ जननी है, असहनीय शारीरिक कष्ट के उपरान्त वह शिशु को जन्म देती है.

व्यक्तिगत स्वार्थो को त्यागकर, अपने कष्टों को भूलकर वह शिशु का पालन-पोषण करती है.

अपनी संतान के सुख के लिए माँ अनेक कष्टों और प्रताड़नाओ को भी सहर्ष स्वीकार कर लेती हैं.

माँ के स्नेह एवं त्याग का पृथ्वी पर दूसरा उदाहरण मिलना सम्भव नहीं है| हमारे शास्त्रों में माँ को देवताओं के समान पूजनीय बताया गया है.

इस संसार में माँ की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती| परिवार में माँ का महत्व सबसे बड़ा है.

घर-परिवार को सम्भालने के साथ माँ अपनी सन्तान का पालन-पोषण भी करती है और उसका प्रत्येग दुःख-दर्द दूर करने के लिए दिन-रात सजग रहती है.

परिवार के अन्य सदस्य अपने-अपने निजी कार्यों में व्यक्त रहते हैं परन्तु माँ सन्तान के लिए समर्पित रहती है.

माँ का सर्वाधिक समय सन्तान की देखभाल में व्यतीत होता है| सन्तान की देखभाल के लिए माँ को रात में बार-बार जागना पड़ता है| परन्तु अधूरी नींद के उपरान्त भी माँ सदैव संतान के प्रति चिंतित रहती है.

सन्तान को संस्कार प्रदान करने में माँ का विशेष योगदान होता है| माँ ही संतान को चलना-बोलना सिखाती है.

आरम्भ में माँ ही संतान के अधिक सम्पर्क में रहती है, माँ के मार्ग-दर्शन में ही संतान का विकास होता है.

महान संत, महा पुरुषों की जीवनी सुनाकर माँ सन्तान में महान व्यक्ति बनने के संस्कार कूट-कूटकर भरती है| वह सन्तान को सामाजिक मर्यादाओं का ज्ञान कराती है और उच्च विचारों का महत्व बताती है.

सन्तान को चरित्रवान, गुणवान बनाने में सर्वाधिक योगदान माँ का होता है| एक और वह सन्तान को लाड़-प्यार से सुरक्षा एवं शक्ति प्रदान करती है, दूसरी और डांट-डपटकर उसे पतन के मार्ग पर जाने से बचाती है.

किसी भी व्यक्ति का चरित्र-निर्माण उसकी माँ की बुद्धिमत्ता पट निर्भर करता है| एक माँ ही किसी भी व्यक्ति की प्राथमिक शिक्षिका होती

Love you my mom
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