9th class 10th lesson amar vani Hindi doha
Answers
रहिमन निज मन की व्यथा, मन में राखो गोय।
सुनि इठलैहैं लोग सब, बाटि न लैहै कोय॥
अर्थ : कवी रहीम जी इस दोहे में कहते हैं हमें अपने मन के दुख को अपने मन में ही रखना चाहिए क्योंकि किस दुनिया में कोई भी आपके दुख को बांटने वाला नहीं है। इस संसार में बस लोग दूसरों के दुख को जान कर उसका मजाक उडाना ही जानते हैं।
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं ।
ज्यों रहीम नट कुण्डली, सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं॥
अर्थ : इस दोहे में रहीम दस जी एक दोहे की शक्ति की व्याख्या कर रहे हैं और समझा रहे हैं कि जिस प्रकार एक नट कुंडली मरने वाला व्यक्ति ऊंचाई को चुने के लिए अपने शरीर को घुमा कर छोटा कर लेता है उसी प्रकार एक दोहे में इतने कम अक्षर होते हुए भी इसके अर्थ कितने गहरे होते हैं।
अधिक जानकारी के लिए दोहे लिख कर दे।