Hindi, asked by StarrySoul, 8 months ago

9th Grade, Hindi (क्षितिज - 1 )

Can somebody give me proper summary of the poem "कैदी और कोकिला" written by माखनलाल चतुर्वेदी in Hindi.



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Answered by ZzyetozWolFF
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माखनलाल चतुर्वेदी :

माखनलाल चतुर्वेदी हमारे हिन्दी साहित्य में एक महान कवि रह चुके है। कवि के हर कविता में स्वतंत्रता से संबंधी देश के प्रति भक्ति ,और प्रेम आसानी से देखा जा सकता है। कवि स्वतन्त्रता आंदोलन के द्वारा कई बार जेल गए। ऐसे ही अपनी हृदय की व्यथा अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने ये प्रस्तुत कविता लिखी। कवि, इस कविता में अपनी स्थिति दिखाते है, की वे कितने असहाय है। अकेली रात में वह केवल कोयल को ही अपना एक साथी मानते है। वे उससे बात करते है इस कविता के माध्यम से।

सारांश :-

कवि , जेल में कैद है। इसी दौरान कोयल रात को गाने लगती है।यह देखकर, कवि कोयल से पूछता है कि वो आखिर क्या गा रही है। कि वो उनके लिए क्या संदेश लाई है। कि वो ऊंची , काली जगह,जहा चोर और डाकू कैद है, वहा वो क्या करने आयी है। कवि अपनी व्यथा बताते है कि किस तरह उन्हें जीने के लिए पेट भर खाना भी नहीं मिलता, और वे तड़पते रहते है। कवि हिमकर को कहते है कि किस तरह वो डूब चला है , और वे निराश हो गए। कवि कलिमायी , यानी काली कोयल से पूछते है कि आखिर वो देर रात क्यों जाग रही है। कवि पूछते है कि ,मृदुल खज़ाना से ऐसा क्या लूट गया है कि उसे इस काली रात में भी कूकना पढ़ रहा है। कि ऐसी कौन सी जंगल की आग की लपटे उसने देख ली हो। कवि कोयल से पूछते है कि क्या उससे उनकी बेड़ियां नहीं देख रही, जो ब्रिटिश राज का गहना है। कवि कोयल को बताते है कि, उन्हें जेल में कोल्हू खिचना पड़ता है जिससे कि वे अपने जीवन का गान समझते है। कवि फिर पूछता है कि वे इस रात को क्यों रो रही है। कवि कोयल को अपनी दोस्त मानकर बताते है कि किस तरह सब कुछ काला है, जैसे ; कोयल खुद, रात, और देश की लहर भी काली , और कल्पना भी काली, और तो और अंग्रेज़ शासन भी काला है, काल कोठरी भी काली है और टोपी भी काली , उनकी बेड़िया भी काली है और पहरेदार की हुंकृति भी काली ही है, और उसपे भी ये लोग बात बात पर गाली देते है। कवि कोयल से फिर पूछता है कि इतने काले अथवा नकारात्मक स्तिथि में वो स्वतंत्रता के गीत कैसे गा लेती है। कवि फिर अपनी स्तिथि की तुलना कोयल से करते है कि किस तरह उसे हरी दाली मिली है और कवि को काली कोठरी। किस तरह उससे पूरा आसमान का संसार मिला और कवि को सिर्फ दस फुट का जेल। कोयल के गीत की संसार भर में वाह वाही है, और यहा तो कवि का रोना भी गुनाह है। अंग्रेजो के हुंकार में , कवि अपनी रचना से और क्या कर सकते है, वह कोयल से पूछते है। लोगो को मोहित करने के लिए कवि अपने जीवन को किसके आसव में भरे, कवि पूछते है।

- कवि : माखनलाल चतुर्वेदी।


Anonymous: Good :)
Answered by XXPunjabDeKudiXX
2

Answer:

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Explanation:

इस कविता में जेल में बंद स्वाधीनता सेनानी की व्यथा को दर्शाया गया है। कैदी कोयल से पूछता है कि वह क्या गाती और बीच में चुप क्यों हो जाती है। ... जेल डाकू, चोरों जैसे खतरनाक अपराधियों का बसेरा होता है। जेल में भर पेट भोजन भी नसीब नहीं होता है।कवि ने जेल के माहौल का बड़ा सटीक वर्णन किया है। जेल डाकू, चोरों जैसे खतरनाक अपराधियों का बसेरा होता है। जेल में भर पेट भोजन भी नसीब नहीं होता है। वहाँ ना जीने दिया जाता है और ना ही मरने दिया जाता है। जीवन की हर गतिविधि पर कड़ा पहरा लगा होता है। ऐसा लगता है जैसे शासन नहीं बल्कि अंधेरे का प्रभाव पड़ा हुआ है। रात इतनी बीत चुकी है कि अब चाँद भी निराश करके जा चुका है। ऐसे में कवि को आश्चर्य होता है कि कोयल जैसा निरीह प्राणि वहाँ क्या कर रहा है।कवि को लगता है कि कोयल की आवाज में एक वेदना से भरी हूक उठ रही है। ऐसा लगता है कि कोयल का संसार लुट गया है। मनुष्य जिस मानसिक स्थिति में होता है उसी तरह के मतलब वह अपने परिवेश से भी निकालता है। यदि आप खुश हैं तो सुबह के सूरज की लाली आपको सुंदर लगेगी। दूसरी ओर, यदि आप दुखी हैं तो वही लाली आपको रक्तरंजित लगने लगेगी।कवि को लगता है कि शायद कोयल ने आधी रात में जंगल की आग की भयावहता देख ली है इसलिए चीख रही है।कैदी के जीवन पर जेल के असर का चित्रण यहाँ हुआ है। वहाँ पर बेड़ियाँ और हथकड़ियाँ ही कैदी का गहना बन जाती हैं। कोल्हू चलने से जो चर्र चूँ की आवाज आती है वही कैदी का जीवन गान बन जाती है। कोल्हू के डंडे पर कैदियों की अंगुलियों के निशान इस तरह पड़ गये हैं जैसे उस पर गाने उकेर दिये गये हों।

कवि को लगता है कि जुआ खींच कर वह अंग्रेजों की अकड़ का कुआँ साफ कर रहा है। दिन में शायद करुणा को जागने का समय नहीं मिल पाया होगा, इसलिए रात में वह कोयल के रूप में कैदियों का ढ़ाढ़स बंधाने आई है।

यहाँ पर कवि को लगता है कि कोयल चुपचाप विद्रोह के बीज बो रही है। मनुष्य की एक असीम क्षमता होती है और वो है कठिन से कठिन परिस्थिति में भी उम्मीद की किरण देखने की। कवि को यहाँ पर कोयल के गाने में उम्मीद की किरण दिख रही है।यहाँ पर जेल की हर चीज को कालिमा लिए बताया गया है। काला रंग हमारे यहाँ दु:ख और बुरी भावना का प्रतीक होता है। उस कालिमापन में जब पहरे का बिगुल बजता है तो वह गाली के समान लगता है।कवि का मानना है कि कोयल अपना मधुर संगीत उस काले संकट के सागर पर बेकार खर्च कर रही है। कवि को लगता है कि कोयल अपनी जान देने को आमादा है।यहाँ पर एक गुलाम और एक आजाद जिंदगी का अंतर दिखाया गया है। यह बताया गया है कि इनमे जमीन आसमान का अंतर है। जहाँ एक चिड़िया खुले नभ में घूमने को स्वच्छंद है वहीं एक कैदी को दस फुट की छोटी सी जगह में रहना पड़ता है। लोग कोयल के गाने की प्रशंसा करते हैं वही पर एक कैदी के लिए रोना भी मना है। इस विषमता को देखकर कवि का मन अंदर तक हिल जाता है।अब कवि कहता है कि कोयल की पुकार पर वह कुछ भी करने को तैयार है। मोहन का अर्थ है मोहनदास करमचंद गाँधी। कवि चाहता है कि जेल के बाहर जो भी आजाद प्राणि मिले, कोयल के द्वारा उसमें गुलामी के खिलाफ लड़ने की जान फूँक दे।यहाँ पर एक गुलाम और एक आजाद जिंदगी का अंतर दिखाया गया है। यह बताया गया है कि इनमे जमीन आसमान का अंतर है। जहाँ एक चिड़िया खुले नभ में घूमने को स्वच्छंद है वहीं एक कैदी को दस फुट की छोटी सी जगह में रहना पड़ता है। लोग कोयल के गाने की प्रशंसा करते हैं वही पर एक कैदी के लिए रोना भी मना है। इस विषमता को देखकर कवि का मन अंदर तक हिल जाता है।

Thanks:)

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