A-92, divya lok, shubhash chawk, tilak nagar. pune se sahil/sarita deshpande pedhon ki aniyantrit katai ke liye jiladhish mohoday, pune ko patr likhata/likhati hai
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Explanation:
निम्न गद्यांश को पड़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए इस संन्यासी ने कभी सोचा था या नहीं कि उसकी मृत्य पर कोई रोयेगा । लेकिन उस छड़ रोने वालो की कमी नही थी । इस तरह वह हमारे बीच से चला गया जो हममें से सबसे अधिक छायादार फल - फूल गध से भरा और सबसे अलग सबका होकर सबसे ऊंचाई पर , मानीय करुणा की दिवया चमक में लहलहाता आ खड़ा था, जिसकी स्मृति हम सबके मन में ,जो उनके निकट थे, किसी यज्ञ की पवित्र आग की आंच की तरह आजीवन बनी रहेगी , मैं उस पवित्र ज्योति की याद में श्रद्धानवत हूं । क) लेखक ने फादर कामिल बल्के को श्रद्धांजलि कैसे अर्पित की ? फादर बुल्के को छायादार फल - फूल गंध से भरा क्यों कहा गया है ? ख) किसकी स्मृति हमारे मन में है ? और वह किस तरह आजीवन हमारे मन में रहेगी ? लेखक के लिए फादर क्या
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92, divya lok, shubhash chawk, tilak nagar. pune se sahil/sarita deshpande pedhon ki aniyantrit katai ke liye jiladhish mohoday, pune ko patr likhata/likhati hai